पेइचिंग
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के भारत आने में अब कुछ ही घंटों का वक्त बचा है, लेकिन अब भी इस पर स्थिति साफ नहीं है कि पीएम मोदी के साथ उनकी बातचीत में कश्मीर का मुद्दा रहेगा या नहीं। कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने का चीन ने विरोध किया था और भारत से वह इस मुद्दे पर सहमत नहीं है। चीन की राय को भारत ने पूरी तरह से खारिज किया है। हालांकि दोनों देशों के बीच समिट में यह मुद्दा उभरता है तो फिर समिट में ही गतिरोध पैदा होने की आशंका है।
ऐसे में इस बात की प्रबल संभावना है कि दोनों ही देश ट्रेड और इन्वेस्टमेंट जैसे सॉफ्ट मुद्दों पर ही अपना फोकस करते हुए बातचीत को आगे बढ़ाएं। अमेरिका के साथ ट्रेड वॉर में चीन भारत को अपने पाले में लाने की कोशिश में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ओर से चीनी आयात को लेकर कई प्रतिबंध लागू किए जाने के चलते उसकी इकॉनमी पर बड़ा असर पड़ा है।
'एक-दूसरे के लिए खतरा नहीं, मौका हैं भारत-चीन'
चीनी विदेश मंत्रालय ने भी गुरुवार को कश्मीर मुद्दे पर चर्चा करने से इनकार करते हुए कहा कि हम अपने रुख पर कायम हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने नियमित ब्रीफिंग में कहा, 'कश्मीर मुद्दे पर चीन का स्टैंड स्पष्ट और स्थायी है।' चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की ओर से कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान के स्टैंड को समर्थन किए जाने के बाद उसके विदेश मंत्रालय ने यह सधा हुआ बयान दिया है।
'ब्लैक' का डर, पाक ने पकड़े हाफिज के वफादार
शी चिनफिंग ने भारत को स्पष्ट तौर पर यह संकेत देने की कोशिश की है कि कश्मीर को लेकर उनके रवैये में कोई बदलाव नहीं है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चीन के राजनयिकों ने कश्मीर मुद्दे को उठाया था और पाकिस्तान के स्टैंड का समर्थन किया था। नाम उजागर न करने शर्त पर एक पश्चिमी राजनयिक ने कहा, 'चीन को लगता है कि यदि कश्मीर मुद्दे को बंद किया गया तो फिर पाकिस्तान बुरी तरह से भारत के दबाव में आ जाएगा। इसलिए वह इस विषय को गर्माए ही रखना चाहता है।'