मध्य प्रदेश

नये साल की खुशी में महंगाई के आंसू नहीं रुलाएगा प्याज, MP सरकार ने उठाया ये कदम

भोपाल
नए साल के स्वागत में प्याज (Onion) की कमी आम लोगों को नहीं सताएगी, क्‍योंकि रसोई से गायब हो चुके प्याज की कमी को पूरा करने की तैयारी प्रदेश सरकार ने की है. सरकार की मंशा है कि 2020 से पहले लोगों के बजट से बाहर हो चुके प्याज को बजट के दायरे में लाया जा सके. कमलनाथ सरकार (Kamal Nath Government) ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए दो तरह के प्लान तैयार किए हैं. पहला प्लान प्याज की जमाखोरी को खत्म करने का है, जिसके तहत खाद्य विभाग (Food Department) की टीमों ने बड़े बड़े माल पर छापा डाल स्टॉक से ज्यादा प्याज रखने पर जब्ती की कार्रवाई शुरू कर दी है. जबकि दूसरा प्‍लान स्‍टाल लगाकर प्‍याज बेचना शामिल है.

इसके तहत विभाग की टीम ने भोपाल में 18 क्विंटल प्याज जब्त किया है, जिसकी कीमत एक लाख 87 हजार बताई गई है. यही नहीं, खाद्य विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश जारी कर प्याज की जमाखोरी के खिलाफ अभियान चलाने को कहा है. वहीं साथ ही जमाखोरों के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई की जानकारी विभाग को भेजने को कहा है. खाद्य विभाग ने कलेक्टरों को पत्र लिख कर कहा है कि प्याज के भंडारण के लिए केंद्र सरकार ने नई स्टाक सीमा तय की है. उसका पालन कराया जाए यानी थोक व्यापारी ढाई सौ क्विंटल और फुटकर व्यापारी पचास क्विंटल प्याज का स्टॉक रख सकेंगे. इसके अलावा सरकार ने सरकारी स्टाल लगाकर प्याज बेचने के भी निर्देश जिलों को दिए हैं. वहीं सरकार की कोशिश है कि नासिक से प्याज की खरीदी कर जिलों में प्याज की कमी को पूरा किया जाए.

मध्‍य प्रदेश के मंत्री पीसी शर्मा ने कहा है कि दिसंबर के आखिरी तक नासिक से प्याज की खरीदी कर जिलों में पहुंचाई जाएगी. दरअसल, प्रदेश में प्याज की कीमत सौ रुपए के पार है और कहीं यह 120 तो कहीं 140 रुपए किलो के भाव से बेचा जा रहा है. जबकि प्याज को लेकर मचे सियासी घमासान के बीच राज्य सरकार ने प्याज खरीद कर लोगों को राहत देने की तैयारी कर ली है.

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