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नया टैक्स स्लैब मोटी कमाई वालों के लिए फायदेमंद

नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में आयकर दाताओं के लिए टैक्स स्लैब चुनने के दो विकल्प पेश किए हैं। इसके बाद से आम करदाताओं के मन में संशय है कि उनके लिए कौन सा विकल्प का चयन करना फायदेमंद होगा। अगर आप भी नए और पुराने टैक्स स्लैब के बीच उलझे हुए हैं तो हम आपकी उलझन दूर कर रहे है। अगर आप नौकरीपेशा हैं और सालाना कमाई 12 लाख रुपये तक है तो आपके लिए पुरना टैक्स चुनना फायदेमंद होगा।

हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि आप आयकर की धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये का निवेश करें। नौकरीपेशा वर्ग को 50 हजार रुपये का मानक कटौती का लाभ भी मिलता है। इस तरह आप पुराने कानून के तहत अधिक बचत कर पाएंगे। वहीं, अगर आप गैर वेतन भोगी हैं और आपकी सालाना आय आठ लाख रुपये तक है तो पुराना टैक्स स्लैब चुनना फायदेमंद होगा। इससे उच्च आय वर्ग के लिए नया आयकर कर स्लैब अधिक बचत का मौका देगा।

आयकर विभाग के अनुसार वित्त वर्ष 20189-19 में 5.78 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया जिसमें से 5.3 करोड़ लोगों ने दो लाख से कम का कर छूट का दावा किया। सिर्फ 10 फीसदी करदाताओं ने दो लाख रुपये से ऊपर का कर छूट का दावा किया। वहीं, सिर्फ 3.77 लाख ने चार लाख रुपये से अधिक का कर छूट का दावा किया।

कर छूट दावा में 80सी के तहत मिलने वाला 1.5 लाख का निवेश, 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा, होम लोन ब्याज पर छूट मुख्य रहा। ऐसे में आयकर के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि नया टैक्स स्लैब आम करदाताओं को ज्यादा बचत का मौका उपलब्ध कराएगा क्योंकि अधिकांश करदाताओं के पास कर बचत पाने के लिए निवेश का पैसा नहीं होता है।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा था कि नए टैक्स स्लैब लाने से सरकार पर 40 हजार करोड़ रुपये का बोझ बढ़ सकता है। इससे करदाता को रहात मिलेगी और आसानी से कर चुका पाएगा। हालांकि, वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक सुस्ती से जूझ रही अर्थव्यव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए यह काफी नहीं है। देश की विकास दर 11 साल के निचले स्तर यानी पांच फीसदी पर रहने का अनुमान है। ऐसे में वित्त मंत्री को बड़े कदम उठाने चाहिए थे।

 

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