राजनीति

नगरीय निकाय : महापौर और अध्यक्ष पद के आरक्षण की कवायद तेज

भोपाल
नगर निगम महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव पार्षदों से कराने के अध्यादेश की मंजूरी के बाद राज्य सरकार ने निकायों में महापौर और अध्यक्ष पद के आरक्षण की कवायद तेज कर दी है। इसके लिए दो बार पत्र लिखने के बाद भी 25 जिलों के कलेक्टरों की ओर से कोई रिपोर्ट नहीं आई है, जिन्हें रिमाइंडर भेजा गया है। नगरीय विकास आयुक्त ने 25 जिलों के कलेक्टरों से अजा और अजजा वर्ग की आबादी की रिपोर्ट मांगी है।

नगरीय विकास आयुक्त द्वारा कलेक्टरों को भेजे पत्र में कहा गया है कि यह जानकारी तत्काल भेजी जाए ताकि निगमों में महापौर, नगर पालिका व नगर परिषदों में अध्यक्ष पद के आरक्षण की कार्यवाही जनसंख्या के आधार पर तय की जा सके। कलेक्टरों से कहा गया है कि वे 2011 की जनगणना के आधार पर नगर निगम, नगरपालिका और नगर परिषद की कुल जनसंख्या की जानकारी भेजेंगे। साथ ही अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति की आबादी और उसके प्रतिशत के बारे में अलग से बताना होगा।

जिन कलेक्टरों से महापौर तथा अध्यक्ष पद के आरक्षण को लेकर 2011 की जनगणना के आधार पर जनसंख्या की जानकारी चाही गई है, उनमें आगर मालवा, खरगोन, अलीराजपुर, छिंदवाड़ा, गुना, जबलपुर, झाबुआ, टीकमगढ़, देवास, धार, नरसिंहपुर, पन्ना, बुरहानपुर, मुरैना और डिंडोरी जिले शामिल हैं। इसके अलावा रतलाम, विदिशा, सागर, सीहोर, शहडोल, श्योपुर, शाजापुर, हरदा, होशंगाबाद और निवाड़ी कलेक्टरों को भी रिमाइंडर भेजा गया है।

भोपाल नगर निगम को दो भागों भोपाल और कोलार में बांटने की तैयारी है। इसके लिए वार्डों का चयन कर दावे आपत्ति मांगे गए हैं। इसके बाद इन दोनों ही क्षेत्रों के लिए अलग से इसी आधार पर जानकारी कलेक्टर से मांगी जाएगी और इसके आधार पर महापौर के पद का आरक्षण किया जाएगा।

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