खेल

धैर्य बरकरार रखने की क्षमता ने धोनी को भारत का सर्वश्रेष्ठ कप्तान बनने में मदद की: रोहित शर्मा 

नई दिल्ली 
आक्रामक सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा का मानना है कि महेंद्र सिंह धोनी की दबाव में धैर्य बरकरार रखने की क्षमता ने उन्हें भारत का सबसे सफल कप्तान और युवाओं के लिए आदर्श बनने में मदद की। धोनी की अगुआई में भारत ने 2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद 2011 में मुंबई में श्रीलंका को फाइनल में हराकर 50 ओवर का आईसीसी वर्ल्ड कप जीता। धोनी की कप्तानी में चेन्नै सुपरकिंग्स ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में तीन खिताब जीते। साउथ अफ्रीका में टी20 वर्ल्ड कप के दौरान धोनी की अगुआई में पदार्पण करने वाले रोहित ने अपने पूर्व कप्तान की जमकर तारीफ की।

रोहित ने चैट शो ‘कर्ली टेल्स’ में कहा, ‘पूरे भारत को पता है कि महेंद्र सिंह धोनी इसी तरह के हैं। इसके कारण उन्हें मैदान पर इतने अच्छे फैसले करने में मदद मिलती है और अब आप देख सकते हैं कि वह सबसे सफल भारतीय कप्तान हैं, उन्हें तीनों आईसीसी ट्रोफी जीती हैं और कई आईपीएल खिताब भी।’ टीम इंडिया के स्टार ओपनर ने कहा, ‘भारत ने जिन कप्तानों को देखा उनमें वह सर्वश्रेष्ठ हैं। इसके पीछे कारण हैं और इसकी बड़ी वजह यह है कि वह दबाव के हालात में धैर्य नहीं खोते।’ 32 वर्षीय रोहित ने कहा कि जब धोनी कप्तान थे तो वह युवा और अनुभवहीन गेंदबाजों का काफी अच्छी तरह इस्तेमाल करते थे और उनसे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करवाते थे। दायें हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘मैंने काफी बार देखा है कि जब युवा गेंदबाज दबाव में आता है तो वह उसके साथ कैसे काम करते हैं। वह उसके पास जाते और उसकी गर्दन और कंधों पर हाथ रखते, उससे बात करते हैं कि क्या करने की जरूरत है और क्या नहीं।’ उन्होंने कहा, ‘जब टीम का एक सीनियर खिलाड़ी युवाओं के साथ इस तरह का बर्ताव करता है तो बेशक उसे आत्मविश्वास मिलता है और वह टीम के लिए योगदान देना चाहता है।’ बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ियों की सूची से हाल में बाहर हुए धोनी ने पिछले साल 50 ओवर के वर्ल्ड कप के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है। उनके 29 मार्च से शुरू हो रही इंडियन प्रीमियर लीग 2020 में खेलने की उम्मीद है।

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