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दोषियों की फांसी टलने से नाराज निर्भया की मां, कोर्ट के बाहर नारेबाजी

नई दिल्ली

निर्भया के दोषियों को अभी तक फांसी नहीं हो पाई है. निर्भया के दोषी हर बार कानूनी दांव-पेंच अपनाकर फांसी टालने का रास्ता निकाल लेते हैं. इसके चलते निर्भया के माता-पिता समेत लोगों में जबरदस्त गुस्सा है. लंबी कानूनी लड़ाई के बावजूद दोषियों को फांसी नहीं मिलने और बार-बार तारीख मिलने से नाराज निर्भया के माता-पिता और महिला कार्यकर्ता योगिता भयाना समेत अन्य ने बुधवार को दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर नारेबाजी की.

बुधवार को निर्भया के माता-पिता और योगिता भयाना ने पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर ‘निर्भया के हत्यारों को फांसी दो…फांसी दो’, निर्भया को न्याय दो…न्याय दो न्याय दो, ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ और ‘वी वांट जस्टिस’ के नारे लगाए. इसके साथ ही निर्भया के माता-पिता अब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर धरने पर बैठने की तैयारी कर रहे हैं.

इससे पहले बुधवार को कोर्ट ने निर्भया के दोषी पवन गुप्ता को कानूनी सलाह के लिए वकील का प्रस्ताव दिया. कोर्ट ने कहा कि निर्भया के दोषी आखिरी सांस तक कानूनी सहायता पाने के हकदार हैं. अदालत ने जेल सुपरिटेंडेंट को निर्देश दिया कि वो दोषी पवन को कानूनी सहायता के लिए अपनी पसंद का वकील चुनने दें.

इसके साथ ही एडिशनल सेशन जज धर्मेंद्र राणा ने निर्भया के दोषी पवन द्वारा अपने वकील को हटाने और पैरवी के लिए दूसरे वकील को नियुक्त करने में देरी करने पर नाराजगी जताई. वहीं, डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी (DLSA) ने निर्भया के दोषी पवन के पिता को वकीलों की एक लिस्ट दी है और कोई एक वकील को चुनने को कहा है. इस पर दोषी पवन के पिता ने कहा कि मुझे इंग्लिश नहीं आती है, तो कोर्ट ने कहा कि इनको हिंदी में वकीलों के नाम बताए जाएं.

वकील ए. पी. सिंह ने पवन का नोटिस स्वीकार करने से किया इनकार

निर्भया मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान विशेष लोक अभियोजक ने कहा सभी दोषियों और उनके वकील को नोटिस जारी किया गया था. इस दौरान ए. पी. सिंह ने निर्भया के दोषी पवन गुप्ता की तरफ से नोटिस स्वीकार करने से यह कहकर इनकार कर दिया था कि अब वो पवन के वकील नहीं हैं.

निर्भया के दोषी पवन के पिता ने अदालत को बताया कि अब एक नया वकील करेंगे. परसों तक नया वकील आ जाएगा. जज ने दोषी पवन गुप्ता के पिता हीरालाल गुप्ता से कहा कि आपको सरकार की तरफ से वकील दिला सकते हैं. आपको पानी के पास लाया जा सकता है, लेकिन पानी पीने या न पीने का फैसला आपको करना है.

जज बोले- ऐसे वकील के पास क्यों नहीं गए, जो तुरंत आता हो

जज ने  हीरालाल गुप्ता से कहा कि आप परसों वकील को ले आएंगे, तो आप ऐसे व्यक्ति के पास क्यों गए, जो फौरन नहीं आ रहा? तिहाड़ जेल प्रशासन और निर्भया के माता-पिता दोनों ने ही अर्जी दाखिल कर नया डेथ वारंट जारी करने की मांग की है. इस बीच विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि आज की तारीख में किसी भी दोषी की कहीं पर भी कोई याचिका लंबित नही है. ऐसे में डेथ वारंट जारी किया जाए, क्योंकि रिट याचिका लीगल रेमेडी में नहीं आती है.

इस दलील पर जज ने कहा कि जब याचिका लंबित हो, तब तक दोषी और क्या-क्या कर सकते हैं? इस बीच विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि दोषी जानबूझ कर इस मामले में देरी कर रहे हैं. सुनवाई के दौरान जज ने दोषी मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर से पूछा कि क्या आप पवन का केस लेना चाहती है? इस पर वृंदा ग्रोवर ने मना कर दिया.

कोर्ट में रो पड़ीं निर्भया की मां, हाथ जोड़कर कहा- वर्षों से लगा रही हूं चक्कर

डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी में सीनियर व्यक्ति को कोर्ट में बुलाया और लीगल ऐड के पैनल शामिल वकीलों की सूची मांगी. जज ने साफ कहा कि जब तक लीगल ऐड मामले को नहीं सुलझा लेते हैं, तब तक मामले को आगे नहीं सुनेंगे. आज ही इस मसले को सुलझाएंगे. इस बीच निर्भया की मां आशा देवी अदालत में रो पड़ीं. आशा देवी ने दोनों हाथ जोड़कर जज से कहा, 'मैं इंसाफ के लिए कई वर्षों से अदालत के चक्कर लगा रही हूं. आज ही कोर्ट डेथ वारंट जारी करे.' इतना कह कर निर्भया की मां रो पड़ीं. निर्भया के पिता ने भी कोर्ट में कहा, 'आज की तारीख में इनको वकील देना निर्भया के साथ इंसाफ नहीं होगा.'

जज ने ए. पी. सिंह से पूछा कि आज की तारीख में कानून का क्या प्रावधान है, जो डेथ वारंट जारी करने से रोकता है? ए. पी. सिंह ने कहा कि दोषी विनय की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल हुई है, जो अभी लंबित है.

वहीं, दोषी मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि आज की तारीख में कुछ भी लंबित नहीं है. ऐसे में कोर्ट नया डेथ वारंट जारी कर सकता है.  वृंदा ग्रोवर ने कहा कि ए. पी. सिंह ने कुछ दायर किया है, तो इसकी मुझे जानकारी नहीं है. इसलिए मेरी नजर में कुछ लंबित नहीं है. जज ने पूछा कि अगर सुप्रीम कोर्ट में कोई याचिका दाखिल की जाती है, तो उसे लंबित की श्रेणी में रखा जा सकता है? दोषियों की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि मेरे पास अभी सुप्रीम कोर्ट रूल नहीं है.

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