मुंबई
मुंबई की एक युवती ने देह व्यापार से जुड़ी अपनी ही मां के खिलाफ गवाही देने का फैसला किया है। जानकारी के मुताबिक, युवती की मां ने मीरा रोड रेलवे स्टेशन से सात साल की बच्ची को अगवा कर उसे देह व्यापार में धकेल दिया था। कुछ महीने पहले नाबालिग पीड़िता ने युवती से उसे बचाने का आग्रह किया था, जिसके बाद उसने पुलिस थाने जाकर अपनी मां के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में पॉक्सो ऐक्ट के तहत केस दर्ज किया है।
पुलिस ने 5 लोगों को किया गिरफ्तार
नागपाडा पुलिस स्टेशन की सीनियर इंस्पेक्टर शालिनी शर्मा ने सोमवार को कहा कि हमने इस केस में कुल 5 लोगों को हिरासत में लिया। इनमें तीन महिलाएं और दो पुरुष हैं। सभी को डीसीपी अविनाश कुमार के निर्देश पर आगे की कार्रवाई के लिए वसई जीआरपी को सौंप दिया गया। जिस नाबालिग से जुड़े केस में यह कार्रवाई हुई, वह कभी मां के साथ मीरा रोड में रहती थी। इस नाबालिग का कहना है कि उसकी मां मीरा रोड में फूल बेचने का काम करती थी।
मीरा रोड स्टेशन से किया अगवा
शर्मा ने बताया कि जब नाबालिग पीड़िता महज 7 साल की थी और मां के साथ मीरा रोड रेलवे स्टेशन पर बैठी हुई थी, तभी एक महिला बहाने से उसके पास आई और उसे अगवा कर मुंबई में ग्रांट रोड ले गई। यहां से बच्ची को नागपाडा के फारस रोड पर लाया गया, जहां बच्ची को एक दिन रखा गया। उसके बाद संबंधित महिला फ्लाइट से उसे जयपुर ले गई। वहां से फिर टैक्सी कर राजस्थान के निरवाड़ा ले जाया गया। आरोप है कि संबंधित महिला के किसी करीबी रिश्तेदार के यहां बच्ची से बतौर नौकरानी चार से पांच साल काम काम लिया गया।
'दीदी' बोलकर मांगी मदद
इंस्पेक्टर ने बताया कि जब वह 14-15 साल की हो गई, तब उसे राजस्थान में सोनाडा गांव ले जाया गया। वहां उसे देह व्यापार के धंधे में धकेल दिया गया। उन्होंने कहा कि नाबालिग को यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगा। कुछ महीने पहले आरोपी महिला की लड़की राजस्थान गई। पीड़िता ने युवती को 'दीदी' बोलकर उसे किसी भी हालत में देह व्यापार के इस माहौल से बाहर निकालने को कहा। इसके बाद युवती उसे दो महीने पहले राजस्थान से नवी मुंबई के तलोजा ले आई। उसे अपने पास घर में रखा। फिर दो दिन पहले नागपाडा में पुलिस से मां की शिकायत करने आई।
वसई जीआरपी को सौंपा केस
इस दौरान पुलिस ने नाबालिग पीड़िता से उसकी आपबीती सुनी। चूंकि नाबालिग को मीरा रोड स्टेशन से अगवा किया गया था, इसलिए केस को वसई जीआरपी को सौंप दिया गया, क्योंकि वमीरा रोड स्टेशन उसी के ज्यूरिडिक्शन में आता है।