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देश की अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती पर वित्त मंत्री ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की

 

नई दिल्ली
अर्थव्यवस्था में आई भारी सुस्ती को लेकर हमलावर विपक्ष के तीखे सवालों के बीच शुक्रवार को मुख्य आर्थिक सलाहकर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने देश की अर्थव्यवस्था को पांच लाख करोड़ डॉलर का बनाने के रोडमैप पर चर्चा की और कहा कि सरकार द्वारा किए गए आर्थिक सुधारों का असर दिख रहा है। अर्थव्यवस्था में आई भारी सुस्ती को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए अब तक किए गए उपायों पर प्रकाश डाला। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए और उपायों की घोषणा कर सकती हैं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी विकास दर घटकर 4.5 फीसदी पर पहुंच गई है, जो साढ़े छह वर्षों का निचला स्तर है।

'खपत को बढ़ावा देने को कई उपाय किए'
सीईए कृष्णमूर्ति ने एक प्रेजेंटेशन में बताया कि केंद्र सरकार ने खपत को बढ़ावा देन के लिए अब तक कई उपाय किए हैं, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार को तेजी मिल सके। उन्होनें कहा, 'खपत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने खुदरा कर्ज को बढ़ावा देने को लेकर नॉन बैंकिंग फाइनैंशल कंपनी (एनबीएफसी) तथा एचएफसी को सपोर्ट देने के लिए हर संभव उपाय किए हैं। एनबीएफसी तथा एचएफसी के लिए पार्शल क्रेडिट गारंटी स्कीम लाई गई है। सरकार ने पीएसयू का 61,000 रुपये तक का बकाया चुकता किया है।'

उन्होंने कहा, 'खुदरा कर्ज को बढ़ावा देने के लिए गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और आवास वित्त कंपनियों के लिए 4.47 लाख करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं। आंशिक ऋण गारंटी योजना के तहत 7,657 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है।

अर्थव्यवस्था में आई भारी सुस्ती को लेकर हमलावर विपक्ष के तीखे सवालों के बीच शुक्रवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक संवाददाता सम्मेलन किया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए अब तक किए गए उपायों पर प्रकाश डाला।

'एनबीएफसी, एचएफसी को सपोर्ट'
सीईए कृष्णमूर्ति ने प्रेजेंटेशन में बताया कि केंद्र सरकार ने खपत को बढ़ावा देन के लिए अब तक कई उपाय किए हैं, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार को तेजी मिल सके। उन्होनें कहा, 'खपत को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने खुदरा कर्ज को बढ़ावा देने को लेकर नॉन बैंकिंग फाइनैंशल कंपनी (एनबीएफसी) तथा एचएफसी को सपोर्ट देने के लिए हर संभव उपाय किए हैं। एनबीएफसी तथा एचएफसी के लिए पार्शल क्रेडिट गारंटी स्कीम लाई गई है। सरकार ने पीएसयू का 61,000 रुपये तक का बकाया चुकता किया है।'

उन्होंने कहा, '27 नवंबर तक रीपो दर से जुड़े ब्याज पर 70,000 करोड़ रुपये का 8 लाख से अधिक कर्ज दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 60,314 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गई है। बैंकों ने 2.2 लाख करोड़ रुपये में कंपनियों तथा 72,985 करोड़ रुपये एमएसएमई को वितरित किए हैं।'

'बैंकों ने रीपो रेट लिंक्ड लोन प्रॉडक्ट लॉन्च किए'
कृष्णमूर्ति ने कहा, 'भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के निर्देशानुसार तमाम सरकारी बैंकों ने रीपो रेट लिंक्ड लोन प्रॉडक्ट लॉन्च किए, ताकि लोग बैंकों से कर्ज लेने को उत्साहित हों और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सके।' उन्होंने कहा कि पीएसबी में 16,716 करोड़ रुपये की ट्रांसपेरेंट वन टाइम सैटलमेंट पाॉलिसी लाई गई। उन्होंने कहा, 'अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बजट में निर्धारित 3.38 लाख करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय में से 66 प्रतिशत का उपयोग किया जा चुका है। रेल और सड़क मंत्रालयों ने 31 दिसंबर तक 2.46 लाख करोड़ रुपये का पूंजी व्यय किया है।'

'इस साल रेकॉर्ड निवेश आया'
सीईए ने निवेश को बढ़ावा देने को लेकर किए गए उपायों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, 'कारोबार में लगातार उदारीकरण को बढ़ावा दिया गया है, जिसके परिणामस्वरूप साल 2019 में 35 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आया है। फंसे हाउजिंग प्रॉजेक्ट को पूरा करने को लेकर भी सरकार ने कदम उठाया है और 25,000 करोड़ रुपये के फंड को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही, सरकारी बैंकों में ईमानदारीपूर्वक फैसले लेने को बढ़ावा देने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं।'

'निवेश बढ़ाने को भी कई उपाय'
कृष्णमूर्ति ने कहा कि निवेश को बढ़ावा देने को लेकर किए गए उपायों का प्रत्यक्ष सबूत वित्त वर्ष 2019-20 में 35 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेश निवेश है, जो पिछले साल की समान अवधि में 31 अरब डॉलर थी। उन्होंने कहा कि विदेशी निवेशक भारत को बेहतरीन निवेश गंतव्य के रूप में देख रहे हैं।

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