मुंबई
कांग्रेस विधायक नाना पटोले महाराष्ट्र विधानसभा के नए अध्यक्ष बन गए हैं। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नए गठबंधन महाविकास आघाड़ी ने उन्हें संयुक्त रूप से स्पीकर पद का उम्मीदवार बनाया था। उनका निर्विरोध निर्वाचन हुआ है। इससे पहले विपक्षी दल बीजेपी ने स्पीकर पोस्ट के अपने उम्मीदवार किशन कथोरे का नाम ऐन वक्त पर वापस ले लिया। बीजेपी नेताओं ने कहा कि सत्ता पक्ष के आग्रह पर उसने कथोरे का नाम वापस ले लिया। बहरहाल, पटोले के निर्वाचन के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि नाना पटोले एक किसान परिवार से आते हैं। उन्होंने कहा, 'मुझे पूरा भरोसा है कि वह सभी के साथ न्याय करेंगे।'
वहीं विपक्षी दल बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'हमने विधानसभा स्पीकर के पद के लिए किशन कठोरे को नामित किया था, लेकिन सर्वदलीय बैठक में अन्य दलों ने हमसे अनुरोध किया और यह परंपरा रही है कि स्पीकर को निर्विरोध नियुक्त किया जाता है तो हमने अपने उम्मीदवार का नाम वापस ले लिया'
राज्य की उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ एनसीपी नेता छगन भुजबल ने भी कहा था, 'पहले विपक्ष ने भी स्पीकर पद के लिए उम्मीदवार खड़ा किया था, लेकिन हमारे विधायकों की तरफ से किए गए अनुरोध और विधानसभा की शुचिता बनाए रखने के लिए उन्होंने नाम वापस ले लिया है।'
दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा में अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध करने की भी परंपरा रही है। महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा, 'बीजेपी ने विधानसभा स्पीकर पद के लिए किशन कथोरे को नामित किया था। हालांकि नवनिर्वाचित विधायकों के निवेदन के बाद हमने उनकी उम्मीदवारी वापस लेने का फैसला किया है।'
बीजेपी से कांग्रेस में गए थे नाना पटोले
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गठबंधन महाविकास आघाड़ी की ओर से कांग्रेस विधायक नाना पटोले को स्पीकर पद का उम्मीदवार बनाया गया। नाना पटोले बीजेपी के पूर्व सांसद हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी छोड़ दी थी। इसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
पुराने कांग्रेसी रहे हैं बीजेपी के किशन कथोरे
बीजेपी ने मुरबाड के विधायक किशन कथोरे को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि रविवार को समयसीमा (सुबह 10 बजे) खत्म होने से पहले अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी। किशन कथोरे पहले कांग्रेस में थे। वह दो बार कांग्रेस के विधायक रह चुके हैं। 2014 में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।