छत्तीसगढ़

दुर्लभ है भगवान के कथा का प्राप्त होना – दीक्षित जी महाराज

रायपुर
संसार में अत्यंत दुर्लभ है भगवान की कथा को प्राप्त करना। जीवन में भगवान मिल सकते है, सद्गुरु मिल सकते है लेकिन यह जरुरी नहीं कि भगवान की कथा मनुष्य को मिल जाए। भगवान की कथा माता-पिता की तरह है जो सीधे मनुष्य को भगवान से जोड़ती है। भगवान हमारे पिता है और भगवान की कथा प्यारी माँ है जो मनुुष्य को पवित्र कर भगवान की गोद में बैठाती है।

गरबा मैदान समता कॉलोनी में रविवार से श्रीमद् भागवत कथा महामात्म्य का वाचन करते हुए आचार्य विष्णु प्रसाद दीक्षित जी ने श्रद्धालुओं को उक्त बातें बताई। उन्होंने कहा कि जीवन में सद्गुरु का होना आवश्यक है क्योंकि सद्गुरु ही जीव को भगवान से मिला सकते है। मनुष्य को जीवन में यदि कृपा हो गई तो फिर उसे किसी के कृपा की आवश्यकता नहीं है। आचार्य दीक्षित जी ने कहा कि सद्गुरु निरंतर अपने शिष्यों पर किसी न किसी रुप में कृपा करते रहते है। मनुष्य अभागा है कि वह गुरु की कृपा का अनुभव नहीं कर पाता। गुरु को हमेशा हर क्षण अपने शिष्य की चिंता रहती है, वह उसे कभी भूलते नहीं है।

आचार्य दीक्षित जी ने कहा कि यदि किसी के बारे में जानना है तो पहले उसके स्वरुप, स्वभाव और कार्य के बारे में जान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस संसार में यदि किसी की सत्ता शाश्वत है तो वह है भगवान की सत्ता। भगवान की सत्ता कभी सोती नहीं है, कभी मुरझाती नहीं है वह हमेशा चैतन्य रहती है। मनुष्य की सत्ता शाश्वत नहीं रहती, हमेशा बदलते रहती है। उन्होंने कहा कि भगवान हमेशा अपने भक्त के बंधन में बंध जाते है। भक्त फिर किसी भी संप्रदाय, जाति का क्यों न हो यदि उसने भगवान भक्ति कर ली तो भगवान उसे अधीन हो जाते है। कल श्री शुक्र परीक्षित सवाद एवं कपिल उपदेश पर कथा होगी।

श्रीमद भागवत कथा प्रचार समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के लिए आज सुबह भव्य शोभायात्रा भागवत पोथी को लेकर नलवा वाले सेठ नरसिंह दास पुत्र मनीराम भाऊका व हरिश अग्रवाल, रमेश अग्रवाल, राजेश गर्ग परिवार के सदस्य व श्रद्धालुजनों जय श्री कृष्णा-राधे-राधे के जयकारे के साथ निकाली।

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