दुनिया के इस इलाके के समुद्र में हो रहा है चमत्कार, जानिए क्या है राज

समुद्र की बात की जाए तो यह किसे पसंद नहीं है। समुद्र किनारे बीच पर मस्ती करना या फिर रेत का टीला बनाना सभी को पसंद होता है। ज्यादातर लोगों की समुद्र से कई तरह की खास यादें जुड़ी होती हैं। लेकिन इसके अलावा अगर समुद्र से जुड़ी किसी तरह की जानकारी के बारे में बात की जाए तब हमें समझ आता है कि असल में हम समुद्र के बारे में कितना कम जानते हैं। आंकड़ों और विशेषज्ञों के अनुसार अभी तक समुद्र के बारे में सिर्फ 20% ही जानकारी जुटाई जा सकी है। चारों तरफ से समुद्र से घिरे होने के वाजूद भी हम इसके बारे में बहुत कम जानते हैं। समुद्र खुद में कई तरह के राज समेटे हुए है और इन्हीं राजों में से एक खास राज से परदा उठ चुका है।

दरअसल बात यह है कि समुद्र में एक जगह ऐसी भी है जहां दो अलग रंगों के महासागर मिलते तो हैं लेकिन इनका पानी आपस में मिक्स नहीं होता है। दोनों महासागरों के अलग-अलग रंग को साफ देखा जा सकता है। अलास्का की खाड़ी में हिन्द महासागर और प्रशांत महासागर मिलते हैं, लेकिन इनका पानी आपस में मिश्रित नहीं होता। जी हां ये सच है, दोनों महासागरों के आपस में मिलने के बावजूद इनका पानी आपस में नहीं मिलता।

इन महासागरों पर हुए कई बार के गहन शोध के बात वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगा लिया है कि आखिर रंग के इस अंतर और पानी के आपस में न मिलने के पीछे का कारण क्या है। ग्लेशियर से निकलने वाले पानी का रंग नीला और महासागरों से आने वाला पानी गहरा नीला होता है। इसलिये ये अंतर आसानी से देखा जा सकता है। दोनों महासागरों के पानी के आपस में मिक्स न होने के पीछे का कारण खारे और मीठे पानी का घनत्व, तापमान, और लवणता है।

कुछ लोगों का मानना ये भी है कि जब विभिन्न घनत्व वाले पानी में सूर्य की किरणें पड़ती हैं तो पानी का रंग बदलता है। इस वजह से दोनों सागरों के मिलने पर अलग-अलग रंग दिखायी देते हैं, जिसकी वजह से ऐसा लगता है कि दोनों का पानी आपस में मिक्स नहीं हो रहा है। इसके अलावा ये भी माना जाता है कि ग्लेशियर से बने सागर का पानी मीठा और समुद्र का पानी खारा होता है और जब ये दोनों महासागर मिलते हैं तो इस अंतर के कारण झाग की एक दीवार बन जाती है और अलग-अलग घनत्व के कारण ये दोनों सागरों का पानी आपस में मिल नहीं पाता।

यह नजारा देखने में जरूर अजीब या अचंभित करने वाला लगता हो लेकिन असल में वैज्ञानिक खोज से पहले भी पानी के आपस में ना मिलने के कारण के पीछे कई तरह की मान्यताएं थीं। कुछ लोग इसे चमत्कार तो कुछ इसे धार्मिक मान्यताओं से जोड़ कर भी देखते थे। कुछ का मानना यह है कि पानी के आपस में न मिलने का संबंध पानी के वर्टिकल स्तरीकरण से होता है। लोग हमेशा कहते हैं कि मेल हमेशा ही खूबसूरत होता है लेकिन जिन लोगों ने इन दो महासागरों के न मिलने की घटना को अपनी आंखों से देखा है वह जानते हैं कि यह कहावत हर जगह फिट नहीं बैठती।

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