भोपाल
दिवाली बाद कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी में जुटने वाली है। इन चुनावों में पार्टी की जीत के लिए जिलों के प्रभारी मंत्रियों के साथ ही क्षेत्र के वरिष्ठ और मजबूर नेताओं को टास्क देकर काम करवाया जाएगा। इस संबंध में रणनीति बनाने का काम CM कमलनाथ के निर्देश पर पीसीसी के आधा दर्जन पदाधिकारी कर रहे हैं।
पिछले चुनाव में प्रदेश की सभी 16 नगर निगमों में जबरदस्त हार का सामना करने वाली कांग्रेस इस बार नगर निगम से लेकर नगर परिषद तक के चुनाव में पूरी ताकत के साथ मैदान में रहेगी। इसके चलते रणनीति बनाई गई है। जिसमें मुख्य रूप से जिलों के प्रभारी मंत्रियों को टास्क दिया जाएगा। इसके बाद क्षेत्र के नेताओं को भी जिम्मेदारी दी जाएगी।
कांग्रेस नगरीय निकाय चुनाव में बिजली बिल की दर कम करने को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है। गौरतलब है कि हाल ही में कांग्रेस ने 150 यूनिट तक की बिजली खपत पर बिलों में कमी की है। इस बात को वह घर-घर तक पहुंचाएगी। वहीं शहरी क्षेत्रों में गौ-शाला खोले जाने की बात भी जनता को घर-घर जाकर बताएगी। जनता तक पहुंचने का अपडेट जिला पदाधिकारी प्रभारी मंत्री को देंगे। प्रभारी मंत्री इसक अपडेट प्रदेश कांग्रेस तक पहुंचाएंगे। यह पूरा अभियान करीब डेढ़ महीने चल सकता है।
सूत्रों की मानी जाए तो जिला प्रभारी मंत्रियों को नंवर में पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ बैठक करना होगी। इसके बाद कुछ चुनिंदा स्थानीय नेताओं और संगठन के पदाधिकारियों को वार्डो के समूह बनाकर जिम्मेदारी दी जाएगी। जिम्मेदारी के तहत इन सभी को वार्डो में जाकर कार्यकर्ताओं की बैठक करना होगी। बूथ कमेटियों को घर-घर जाकर कांग्रेस सरकार की उपलब्धियां बताने की जिम्मेदारी दी जाएगी।