मेरठ
नागरिकता कानून के विरोध पर भड़की हिंसा और जुमा को लेकर हाईअलर्ट घोषित कर दिया गया है। पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। जिलों में आईजी स्तर के स्पेशल पुलिस ऑफिसर तैनात किए गए हैं। हर जिले में शांति समिति की बैठकें की जा रही हैं। आरएएफ और पीएसी के साथ अतिरिक्त फोर्स भी तैनात किया गया है।
सीएए को लेकर पिछले दो दिन से दिल्ली और अलीगढ़ में हिंसा हो रही है। आशंका जताई गई है कि इस हिंसा की आंच वेस्ट यूपी में फैल सकती है। ऐसे में हाईअलर्ट घोषित कर दिए गए हैं। पुलिस अधिकारियों को शासन की ओर से तमाम प्रयास करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। जिन जगहों पर पूर्व में हिंसा हुई, वहां ज्यादा चौकसी बरती जा रही है।
स्पेशल ऑफिसर के तौर पर आईजी ज्योति नारायण को बुलंदशहर और हापुड़ की कमान दी गई है। आईजी लक्ष्मी सिंह को पीटीएस मेरठ से मुजफ्फरनगर भेजा गया है। बिजनौर की तिम्मेदारी डीआईजी जेण् रवींद्र गौड़ और आईजी मेरठ प्रवीण कुमार को गाजियाबाद भेजा गया है। मेरठ में एडीजी प्रशांत कुमार जिम्मेदारी संभाले हुए हैं। वहीं, मेरठ के पूर्व आईजी रामकुमार को रामपुर भेजा गया है। इसी तरह से कई अफसरों की तैनाती कानून-व्यवस्था के मद्देनजर की गई है। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी लगातार अलर्ट पर हैं और जिलों में दंगा नियंत्रण योजना लागू है।
वेस्ट में छिप सकते हैं दिल्ली के बवाली
दिल्ली के उपद्रवियों की वेस्ट यूपी के शहरों में पनाह लेने की आशंका है। दिल्ली से वेस्ट यूपी के कई जिले एकदम पास हैं और कई लोगों की यहां रिश्तेदारियां हैं, इसलिए ऐसी आशंका जताई जा रही है। इसे लेकर जोन में अलर्ट किया गया है और नियमित रूप से चेकिंग अभियान चलाने का निर्देश दिया गया है। खुफिया विभाग को भी निगरानी बढ़ाने के लिए कहा गया है।
नागरिकता कानून को लेकर पिछले दो दिनों में दिल्ली के कई इलाकों में हिंसा हुई। अब पुलिस की सख्ती शुरू हो गई है, इसलिए आशंका है कि दिल्ली के बवाली वेस्ट यूपी में पनाह ले सकते हैं। दिल्ली में रहने वाले कई परिवारों के पैतृक गांव वेस्ट यूपी के जिलों में हैं। कई लोगों के रिश्तेदार यहां हैं। मेरठ, गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़, बागपत और मुजफ्फरनगर ऐसे जिले हैं, जो दिल्ली से कुछ ही घंटों की दूरी पर हैं। ऐसे में पुलिस को एहतियात बरतने का निर्देश दिया गया है। पुलिस को निर्देश है कि वह अपने इलाके में आने वाले बस अड्डों, रेलवे स्टेशन और टैक्सी स्टैंड पर चौकसी बढ़ाने के लिए कहा गया है। साथ ही बाहर से आने वाले लोग, जो दिल्ली के रहने वाले हैं, उनसे खासतौर पर पूछताछ के लिए कहा गया है।
20 दिसंबर की हिंसा के बाद मेरठ से हुए थे फरार
सीएए के विरोध में मेरठ में 20 दिसंबर को हिंसा हुई थी। इसके तुरंत बाद पुलिस की दबिशों का दौर शुरू हुआ तो लिसाड़ी गेट और नौचंदी इलाके में रहने वाले कई लोग घरों से फरार हो गए थे। इन लोगों ने दिल्ली, हरियाणा और बाकी जगहों पर जाकर शरण ली थी। अब मेरठ और बाकी शहरों में हालात सामान्य हैं, ऐसे में आशंका है कि दिल्ली के बवाली भी यहां आकर रुक सकते हैं।