राजनीति

दिल्ली हिंसा के लिए केंद्र पर बरसा NCP, कहा- दिल्ली में एक तरह का ‘2002 का गुजरात मॉडल’

 मुंबई 
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा को लेकर केंद्र पर निशाना साधते हुए बुधवार (26 फरवरी) को कहा कि दिल्ली में एक तरह का '2002 का गुजरात मॉडल' दिखाई दे रहा है। राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने हिंसा के समय दिल्ली पुलिस पर भी मूकदर्शक बने रहने का आरोप लगाया।

मलिक ने ट्वीट किया, ''राजधानी में पिछले दो दिन से हिंसा फैली हुई है। पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।" उन्होंने जाहिर तौर पर गुजरात में 2002 में गोधरा कांड के बाद भड़के दंगों की ओर इशारा करते हुए कहा, ''राजधानी में ऐसी चीजें क्यों हो रही हैं? दिल्ली में एक तरह का 2002 का गुजरात मॉडल दिखाई दे रहा है।"
 
34 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं
वहीं दूसरी ओर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद बुधवार (26 फरवरी) को कहा कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हालात नियंत्रण में है। साथ ही उन्होंने बुधवार दोपहर कुछ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया। उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन दिन पहले शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा में अब तक कम से कम 22 लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जाफराबाद, मौजपुर, बाबरपुर, यमुना विहार, भजनपुरा, चांद बाग, शिव विहार मुख्य रूप से दंगों से प्रभावित हुए हैं।

डोभाल को हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने सीलमपुर में पुलिस उपायुक्त (उत्तर पूर्व) के कार्यालय में दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों के साथ बैठक की। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मनदीप सिंह रंधावा, नव नियुक्त विशेष पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव, विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सतीश गोलचा, उत्तर पूर्वी दिल्ली के डीसीपी वेद प्रकाश आर्य भी बैठक में शामिल थे। यह बैठक 30 मिनट से अधिक समय तक चली।

डोभाल ने मंगलवार (25 फरवरी) देर रात भी दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इसी तरह की बैठक की थी। बैठक के बाद डोभाल हालात का जायजा लेने के लिए जाफराबाद और मौजपुर गए। उन्होंने स्थानीय लोगों से बातचीत की और इलाके में शांति सुनिश्चित करने के बारे में उन्हें आश्वस्त किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ''स्थिति नियंत्रण में है और लोग संतुष्ट हैं। हमें कानून लागू करने वाली एजेंसियों पर भरोसा है। पुलिस अपना काम कर रही है और सतर्क है।"

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