पटना
कहा जाता है कि जब बिहार करवट लेता है तो देश मे बदलाव आता है. बिहार के कई ऐसे दिग्गज नेता है जिनकी पहचान ना सिर्फ राष्ट्रीय बल्कि अंतराष्ट्रीय स्तर की है. लेकिन क्या दिल्ली में इस बार किसी भी बिहारी नेता की नहीं चली. क्या दिल्ली की जनता को या फिर पूर्वांचल वासियों को भी नहीं साध पाए बिहारी नेता. क्योंकि दिल्ली के एग्जिट पोल बता रहे हैं कि केजरीवाल की सरकार फिर से बनने जा रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दिल्ली में नहीं चली बिहारियों की राजनीति.
दिल्ली में बिहारी नेताओं की बात के असर पर राजद नेता विजय प्रकाश का कहना है कि बिहार के नेता अपनी-अपनी पार्टियों के चुनाव प्रचार के लिए गए थे. लेकिन महागठबंधन का लक्ष्य था बीजेपी को रोकना और इस मामले में महागठबंधन सफल रहा है. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि एग्जिट पोल के आंकड़े बदल भी सकते हैं. लेकिन उन्हें यह सुकून है कि दिल्ली में सत्ता की दौड़ से बीजेपी बाहर हो गई है.
दिल्ली में मतदान के बाद दिखाए जा रहे एग्जिट पोल के आंकड़े पर बीजेपी का कहना है कि भले ही एग्जिट पोल में केजरीवाल की सरकार बनते दिख रही हो. लेकिन 11 फरवरी को नतीजे उल्टे हुए नजर आएंगे. बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने जिस तरह से दिल्लीवासियों को ठगने का काम किया था उसका जबाब जनता ने दे दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि एग्जिट पोल दिल्ली में कभी भी सही साबित नही हो सके हैं.
निखिल आनंद ने कहा कि दिल्ली में करीब 35 फीसदी पूर्वांचल वासी रहते हैं. जिसके लिए बिहार के तमाम राजनीतिक दल के नेता वहां चुनाव प्रचार के लिए गए थे. भाजपा का मानना है कि 11 फरवरी को तमाम एग्जिट पोल के नतीजे झूठे साबित होंगे और भाजपा को यकीन है कि दिल्ली में एनडीए की ही सरकार बनेगी.
दिल्ली में हुए मतदान के बाद आए एग्जिट पोल पर कांग्रेस ने भी संदेह जताया है. कांग्रेस से विधान पार्षद प्रेमचंद मिश्रा का मानना है कि नतीजे एग्जिट पोल के उलट भी आ सकते हैं या उससे अलग भी आ सकते हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि दिल्ली में बिहार के जो नेता चुनाव प्रचार में गए थे उसका असर भी देखने को मिलेगा. कांग्रेसी नेता ने माना मुस्लिम वोटर उनसे छटककर आम आदमी पार्टी की ओर चले गए.