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दिल्ली दंगे, NPR.. राज्यसभा में बेबाक बोले शाह

नई दिल्ली
दिल्ली दंगे पर लोकसभा में जवाब देने के अगले दिन गुरुवार को गृह मंत्री अमित शाह ने उच्च सदन राज्य सभा में चर्चा का विस्तार से जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने सदन और उसके माध्यम से पूरे देश को भरोसा दिलाया कि दंगाई चाहे किसी भी जाति, धर्म, विचारधारा, पार्टी के हों, बख्शे नहीं जाएंगे। गृह मंत्री अमित शाह ने साथ में विपक्षी दलों से सीएए और एनपीआर को लेकर भ्रम न फैलाने की अपील की। उन्होंने दो टूक कहा कि एनपीआर में किसी से कोई कागज नहीं मांगा जाएगा और न ही किसी को डाउटफुल यानी डी मार्क किया जाएगा।

दिल्ली दंगे पर उच्च सदन में चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने विपक्षी नेताओं से कहा कि एनपीआर को लेकर उनके मन में कोई भी शंका हो तो वे बेहिचक उनसे मिलें, हर शंका को दूर किया जाएगा। उन्होंने दिल्ली दंगों के लिए विपक्षी नेताओं के भड़काऊ बयानों और सीएए व एनपीआर को लेकर मुसलमानों में फैलाए गए भ्रम को जिम्मेदार ठहराया।

'आगे से दंगा करने की सोचने वालों को सताएगा कानून का डर'
मैं सदन के माध्यम से देश को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि दंगों के लिए जिम्मेदार लोग, साजिश रचने वाले लोग चाहे किसी भी जाति के हों, मजहब के हों, पार्टी के हों, उनको बख्शा नहीं जाएगा। उन्हें कानून के कठघरे में खड़ा किया जाएगा। ऐसी सजा दिलाएंगे कि आगे से दंगा करने वालों के जेहन में कानून का भय बना रहे।

दंगों पर संसद में चर्चा में देरी के आरोप पर
काफी सदस्यों ने एक सवाल उठाया कि सरकार ने सदन में चर्चा के लिए इतनी देर क्यों की। 25 को दंगे शुरू हुए और 2 मार्च को सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो चर्चा में देर क्यों हुई। 24 तारीख को दोपहर दंगे की पहली सूचना आई और 25 तारीख को रात में दंगे की आखिरी खबर आई।

दंगे चल रहे हों तो लाजिमी है कि उस पर तुरंत चर्चा कराई जाए लेकिन जब दंगे समाप्त हो चुके हों, एजेंसियां गुनहगारों को तलाश रही हों, आगे होली का त्योहार हो तो यह बहुत जरूरी था कि ऐसी कोई बात न हो, जिससे भावनाएं भड़के। यही वजह है कि 11 मार्च के बाद इस मुद्दे पर चर्चा का फैसला किया गया।

बेगुनाहों को फंसाने और भेदभाव की आशंकाओं पर
दूसरा बड़ा सवाल यह उठाया गया कि दंगे रोकने के लिए क्या किए गए, कहीं बेगुनाहों को फंसाने का काम तो नहीं होगा, राजनीतिक या वैचारिक आधार पर कार्रवाई में भेदभाव तो नहीं होगा। ऐसी आशंकाएं जाहिर की गईं। मैं सबसे पहले जो अब तक कार्रवाई हुई है, यह बताता हूं। अब तक 700 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हुई है, जिसने भी शिकायत दी है, उसकी एफआईआर दर्ज की गई है।

सिब्बल साहब ने एफआईआर नंबर 80 की बात की गई तो मैं व्यक्तिगत तौर पर उसे देखूंगा और सिब्बल साहब को बताऊंगा। 12 के 12 थानों के लिए स्पेशल प्रॉसिक्यूटर तय किए गए हैं, जिनकी सलाह पर पुलिस काम कर रही है। 2647 लोगों को हिरासत में लिया गया है या गिरफ्तार किया गया है। दंगे समाप्त होने के दूसरे दिन ही हमने विज्ञापन देकर लोगों से अपील की थी कि अगर हिंसा से जुड़े कोई विडियो उनके पास हैं तो पुलिस के पास भेजे। बड़ी तादाद में लोगों ने विडियो भेजे हैं, जिनकी जांच हो रही है। इससे हमें महत्वपूर्ण वैज्ञानिक सबूत मिले हैं।

फेस आइडेंटिटी सॉफ्टवेयर पर निजता के उल्लंघन संबंधी चिंताओं पर
फेस आइडेंटिटी सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल पर निजता के उल्लंघन संबंधी चिंताएं जताई गई हैं। ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी के डेटा को हम फेस आइडेंटिटी सॉफ्टवेयर के लिए कर रहे हैं। किसी की जान चली गई तो वहां निजता का राग क्या गाना। हमने किसी निजता का उल्लंघन नहीं किया है। कल तक 1170 चेहरे पहचाने गए थे और आज दोपहर 12 बजे तक 1922 और दंगाइयों को चिह्नित कर लिया गया है। इसमें से 336 लोग यूपी के हैं।

दंगों को लेकर अब तक क्या कार्रवाई हुई
24 तारीख की रात को 12 बजे ही यूपी से सटी सीमा को सील कर दिया गया है। सीमाओं को सील तो किया गया लेकिन रिहायशी इलाके बिल्कुल सटे हुए हैं तो अंतरराष्ट्रीय सीमा जैसी स्थिति नहीं हो सकती है। धर्मस्थल तोड़े गए हों, स्कूलों पर हमला हुआ हो, अस्पताल तोड़े गए हों, लोगों की जान ली गई हो ऐसे करीब 50 गंभीर मामलों की एसआईटी जांच कर रही है। निजी और अवैध हथियारों का भी दंगों में इस्तेमाल हुआ है। आर्म्स ऐक्ट में 49 मामले दर्ज हुए हैं और इसमें 52 गिरफ्तारियां हुईं हैं और 125 हथियार जब्त किए गए हैं।

25 तारीख की सुबह से ही दिल्ली के हर पुलिस थाने की शांति समितियों की बैठक बुलाई शुरू हो गई थी। 26 तक 300 से ज्यादा अमन समितियों की बैठक हो चुकी थी। दंगाइयों को पकड़ने के लिए 40 से ज्यादा विशेष दलों को गठित किया गया है। इन दलों का काम जांच करना नहीं, बल्कि गिरफ्तारी है।

दिल्ली में देश ही नहीं, विदेश से भी पैसे आए
24 तारीख से पहले ही हमारे पास एजेंसियों से सूचना आ गई थी कि दिल्ली में देश ही नहीं, विदेश से भी पैसे आए हैं। उस समय जांच चल रही थी लेकिन दुर्भाग्य से तभी दंगे हो गए। फंडिंग को लेकर अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

'…वे पाताल में भी होंगे तो हम ढूंढ़ निकालेंगे'
ब्रायन साहब ने पूछा कि आपने कितने सोशल मीडिया अकाउंट बंद किए हैं, तो बता दें कि सैंकड़ों अकाउंट बंद कराए हैं। लेकिन कुछ अकाउंट ऐसे मिले हैं जो दंगा शुरू होने के साथ शुरू हुए और दंगा खत्म होते ही खुद बंद कर दिए गए। लेकिन वे पाताल में भी होंगे तो हम ढूंढ़ निकालेंगे।

आईएसआईएस से जुड़े 2 लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। दंगों में मारे गए बहादुर अफसरों अंकित शर्मा और रतनलाल के कातिलों और समूह को पूर्णतया गिरफ्तार करने का काम दिल्ली पुलिस ने पूरा कर लिया है। रतनलाल पर पथराव करने वालों की भी गिरफ्तारी हो चुकी है।

'दंगाइयों से जुर्माना वसूलेंगे'
दिल्ली में दंगाइयों से जुर्माना वसूलने का एक प्रस्ताव दिल्ली हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को भेज दिया गया है। क्लेम कमिशन बनाने के लिए प्रस्ताव दिया है। हमने हाई कोर्

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