नई दिल्ली
राजधानी दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है। इसकी वजह से यहां प्रदूषण की सबसे बड़ी हेल्थ इमर्जेंसी लग चुकी है। एक्यूआई सिस्टम आने के बाद 2017 में सबसे लंबी हेल्थ इमरजेंसी नवंबर में 56 घंटों की हुई थी। गुरुवार शाम 7 बजे तक नवंबर का यह रिकॉर्ड टूट चुका था। अब भी हेल्थ इमरजेंसी जारी है। शुक्रवार को दिल्ली के हालात और बिगड़ गए हैं। कुछ इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 700 तक पहुंच गया है।
कई जगह पलूशन का स्तर 700 पार
दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। द्वारका, पूसा रोड, सत्यवती कॉलेज, पंजाबी बाग में यह 700 तक पहुंच चुका है। वहीं गुड़गांव में कुछ जगह पीएम 2.5 का स्तर 800 पार है।
पंजाब में घने बादलों से बढ़ा दिल्ली का प्रदूषण
सफर के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर गंभीर है। पराली का प्रदूषण गुरुवार को 13 फीसदी रहा, लेकिन पंजाब के ऊपर इस समय मौसमी सिस्टम सक्रिय है। इसकी वजह से घने बादल छाए हुए हैं। इस वजह से दिल्ली में भी प्रदूषकों के ऊपर जाने की क्षमता काफी कम हो गई है। हवा की गति भी अभी कम है। इसी वजह से प्रदूषण जानलेवा स्तर पर बढ़ा है। सफर के अनुसार, 13 नवंबर को पराली जलाने की 69 घटनाएं सामने आई हैं। हालांकि काफी अधिक संभावना है कि बादलों की वजह से सेटेलाइट इमेज सही नहीं आ पाई हो।
कोहरे ने दी दस्तक, बढ़ेगा प्रदूषण
दिल्ली में ठंड बढ़ने लगी है। अभी तक सुबह और शाम के समय लोगों को ठिठुरन महसूस हो रही थी, लेकिन अब दिन के समय भी तापमान में कमी आने लगी है। गुरुवार को इस सीजन में पहली बार अधिकतम तापमान गिरकर 26.4 डिग्री के स्तर पहुंचा। इस हफ्ते तापमान में 2 से 4 डिग्री की कमी आने की संभावना है। वहीं 19 नवंबर से कोहरे का प्रकोप भी बढ़ने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग के अनुसार 18 नवंबर से तापमान में कमी आना शुरू होगी। न्यूनतम तापमान 25 डिग्री और अधिकतम महज 12 डिग्री तक पहुंच सकता है।
इसके साथ ही शुक्रवार दोपहर से हवाओं की गति बढ़ने की संभावना है। 16 और 17 नवंबर को हवाएं 15 से 20 किलोमीटर की रफ्तार से चलेंगी जिसकी वजह से तापमान में कमी भी आएगी और विजिबिलिटी बढ़ेगी। वहीं तापमान में कमी के साथ 19 व 20 नवंबर से कोहरा भी बढ़ना शुरू हो जाएगा। उस दौरान हवाएं कम रहेंगी। ऐसे में प्रदूषण स्तर एक बार फिर लोगों को परेशान कर सकता है।
प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए HC ने दिए अहम सुझाव
दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली सरकार और दूसरी अथॉरिटीज की खिंचाई की है। इसे काबू में लाने के लिए कोर्ट ने कुछ सुझाव भी दिए। जस्टिस जीएस सिस्तानी और जस्टिस अनूप जयराम भंबानी की बेंच ने कहा कि वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए जो उपाय किए जाने थे, उन्हें लागू करने में अथॉरिटीज की लापरवाही की वजह से यह समस्या पैदा हुई। बेंच ने कुछ सुझाव दिए। कोर्ट ने कहा कि अक्टूबर से जनवरी के बीच किसी नए ढांचे को नहीं गिराया जाना चाहिए। बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन के लिए जरूरी चीजों को बिना ढके न रखा जाए।
शहर में ट्रैफिक सुचारू रूप से चलता रहे, इसके लिए एनडीएमसी और अन्य निगमों को सड़कों पर अतिक्रमण होने से रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने के लिए कहा जाए। बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर पिछले आदेशों का पालन होता तो प्रदूषण इस स्तर पर न होता। यहां रहने वाले लोगों समेत सभी पक्षकारों को आगे बढ़ चढ़कर अपनी भूमिका निभानी होगी यदि शहर को प्रदूषण मुक्त बनाना है। मामले में अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने कहा कि हर दो हफ्ते में वह इस मामले की सुनवाई करेगा।