भोपाल
मंदिर में रेप के बयान के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह चौतरफा आलोचना से घिरे हुए हैं। मध्य प्रदेश के भोपाल में उनके बयान की निंदा करते हुए मंदिरों के बाहर दिग्विजय के खिलाफ पोस्टर लगा दिए गए हैं। इसमें उन्हें मंदिरों में प्रवेश न देने की मांग की गई है। बता दें कि दिग्विजय सिंह ने दुराचार के मामलों में भगवाधारियों के लिप्त होने पर सवाल उठाया था। इसके बाद दिग्विजय सिंह ने बैकफुट पर आते हुए अपने बयान पर सफाई दी थी।
भोपाल के परशुराम मंदिर के बाहर लगे पोस्टर में लिखा है, 'हिंदू समाज की यही पुकार, हिंदू-विरोधी दिग्विजय सिंह के लिए मंदिरों के दरवाजे बंद हों बंद हों। निवेदक- हिंदू समाज'। मंदिर के पुजारी पंडित मोहन दुबे ने कहा, 'मुझे सुबह ही इस बारे में पता चला जब मीडिया के लोग मेरे पास आए। इस तरह के पोस्टर मंदिरों में नहीं लगाए जाने चाहिए। इस तरह के पोस्टर लगाने के लिए सड़कें और चौराहें जैसे सार्वजनिक जगहें हैं।' उन्होंने आगे कहा, 'दिग्विजय सिंह ने जो कहा वह बिल्कुल गलत है।'
भगवा वस्त्र पहनकर बलात्कार हो रहे हैं- दिग्विजय
बता दें कि भोपाल में मंगलवार को एक संत समागम के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा था कि भगवा वस्त्र पहनकर लोग चूरन बेच रहे हैं। भगवा वस्त्र पहनकर बलात्कार हो रहे हैं। मंदिरों में बलात्कार हो रहे हैं। ऐसे कृत्यों को माफ नहीं किया जा सकता। दिग्विजय के बयान पर बीजेपी भी हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी दिग्विजय पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी अब कांग्रेस में भी कोई नहीं सुनता है।
बीजेपी ने किया पलटवार
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'दिग्विजय सिंह जो बोलते हैं, उस पर कांग्रेस में भी कोई रिऐक्शन नहीं देता, तो हम क्यों कुछ बोलेंगे।' जावड़ेकर ने आगे कहा, 'उनकी मानसिकता हमेशा से ऐसी ही रही है मुंबई ब्लास्ट के बाद भी, यह ऐसे ही बोलते रहते हैं।' दिग्विजय सिंह को भी अपने बयान पर सफाई देनी पड़ी।
दिग्विजय ने दी सफाई
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा था, ‘हिंदू संत हमारी सनातन आस्था का प्रतीक हैं, इसलिए उनसे उच्चतम आचरण की अपेक्षा है। अगर संत वेश में कोई भी गलत आचरण करता है, तो उसके खिलाफ आवाज उठनी ही चाहिए। सनातन धर्म, जिसका मैं स्वयं पालन करता हूं, उसकी रक्षा की जिम्मेदारी भी हमारी ही है।’