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दशहरे पर मिलेगा मिलेगा पहला रफाल फाइटर जेट

 नई दिल्ली
भारतीय वायुसेना को फ्रांस में 8 अक्टूबर को पहला रफाल लड़ाकू विमान मिलने की संभावना है। इस दिन वायुसेना दिवस और विजयादशमी का त्योहार भी है। ये विमान भारतीय वायुसेना की मारक क्षमता को बढ़ाएंगे। हालांकि, इन विमानों के महीनों की जांच और इनके लिए पायलटों को ट्रेनिंग देने के बाद अगले वर्ष मई तक भारत आने की उम्मीद है।

सूत्रों ने ईटी को बताया कि रफाल को भारतीय वायुसेना को सौंपने के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्रांस जाएंगे। 2016 में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस के बाद वायुसेना के बेड़े में शामिल होने वाला यह पहला लड़ाकू विमान होगा। पहले इस समारोह के लिए 19 सितंबर की तारीख तय की गई थी, लेकिन इसे कुछ सप्ताह के लिए टाल दिया गया। हालांकि, अक्टूबर की तारीख अब पक्की दिख रही है। इस समारोह में राजनाथ सिंह की फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली और दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है।

रफाल विमानों के परीक्षण और ट्रेनिंग के लिए लिए भारतीय पायलट इन्हें फ्रांस में कम-से-कम 1,500 घंटे उड़ाएंगे। उड़ान के दौरान रफाल विमान SCALP मिसाइल से लैस होंगे जो 300 किलोमीटर की रेंज में जमीन पर वार कर सकती है। ट्रेनिंग और परीक्षण पूरा होने के बाद रफाल को वायुसेना के अंबाला बेस में लाया जाएगा। रफाल के चार विमानों का पहला बैच अगले वर्ष मई तक भारत आने की उम्मीद है।

भारतीय वायुसेना ने मंगलवार को अंबाला में 17 स्क्वाड्रन 'गोल्डन एरोज' के लिए एक समारोह आयोजित किया था। पहला रफाल इसी स्क्वाड्रन को मिलेगा। इस स्क्वाड्रन में पहले मिग 21 विमान शामिल थे और इसने कारगिल की लड़ाई में भाग लिया था। हालांकि, कई मिग-21 विमानों के रिटायर होने से इस स्क्वाड्रन में विमानों की संख्या घट गई थी।

भारत की एक टीम पहले से ही इस प्रॉजेक्ट की निगरानी के लिए फ्रांस में है और द्विपक्षीय हवाई युद्धाभ्यास के जरिए रफाल की विशेषताओं को समझ रही है। भारतीय वायु सेनाा के पायलटों की एक टीम अगले हफ्ते रफाल विमानों को उड़ाना शुरू करेगी, जिससे विमान कौ सौंपे जाने की तैयारी की जा सके।

मीटिओर मिसाइल से लैस रफाल की मारक क्षमता पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों से कहीं अधिक है। इसके अलावा SCALP से पड़ोसी देश का लगभग हर इलाका इन विमानों की रेंज में होगा। वायु सेना लंबे समय से रफाल का इंतजार कर रही है क्योंकि उसके रूस में निर्मित कई लड़ाकू विमान रिटायर हो चुके हैं।

ईटी ने इससे पहले बताया था कि फ्रांस ने भारत को अतिरिक्त रफाल विमानों को बेचने की पेशकश की है। इन विमानों की कॉस्ट भी भारत के लिए पहली डील से कम होगी।

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