रायपुर
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2019 का आज रंगारंग शुभारंभ हुआ, जिसमें देश-विदेश से आए कलाकारों ने पारम्परिक वेशभूषा में आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया। प्रदेश का विख्यात दण्डामी माड़िया नृत्य की प्रस्तुुति के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित लोकसभा सदस्य राहुल गांधी सहित प्रदेश का समूचा मंत्रिमंडल भी मंच पर थिरका। भारत की जनजातियों की कला, संस्कृति एवं जीवन शैली पर आधारित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के तीन दिवसीय आयोजन का आगाज आज स्थानीय साईंस कॉलेज मैदान परिसर में किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित लोकसभा सदस्य राहुल गांधी उपस्थित थे। मेजबान प्रदेश छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित प्रदेश मंत्रिमंडल के मंत्रीगणों की मौजूूदगी में आज सुबह आदिवासी नृत्य महोत्सव प्रारंभ हुआ। इस दौरान सभी लोक कला नर्तकों के द्वारा आकर्षक झांकी निकाली गई साथ ही देश-विदेश के नर्तकों ने अपनी उत्कृष्ट आदिवासी संस्कृति एवं परम्परा पर आधारित नृत्य का प्रदर्शन किया। बेलारूस से आए विदेशी नर्तकों ने भाव-मुद्रा पर आधारित नृत्य मंच पर पेशकश प्रस्तुत की, जिसने दर्शकों से काफी तालियां बटोरीं। इसके बाद अरूणाचल प्रदेश के इन्दू समुदाय के कलाकारों के द्वारा विख्यात नृत्य किया गया। यह नृत्य पूर्वजों एवं देवताओं के आव्हान स्वरूप पारम्परिक अनुष्ठान बंधुत्व को बचाये रखने के लिए किया जाता है, जिसे स्थानीय भाषा में रेह केनेहा उत्सव के नाम से जाना जाता है।
तदुपरांत केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख से आए कलाकारों ने फ्लावर डान्स कर क्षेत्रीय संस्कृति से अवगत कराया। इसके बाद कर्नाटक के यायावरी जीवन व्यतीत करने वाले आदिवासियों के द्वारा सुगली नृत्य प्रस्तुत किया गया। यह नृत्य राजस्थानी संस्कृति एवं वेशभूषा से काफी मिलता-जुलता है, जो आर्य संस्कृति पर आधारित है। तदुपरांत छत्तीसगढ़ के दण्डामी माड़िया नृत्य बस्तर के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया। सिर पर सींग और मोर पंख लगाए महिला और पुरूष नर्तकों ने मंच पर बेहतरीन प्रस्तुति दी। इस दौरान मुख्य अतिथि राहुल गांधी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मंच पर प्रस्तुति दे रहे कलाकारों के साथ थिरके। प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने हाथों में ढोल लेकर थाप लगाते हुए दण्डामी नृत्य किया। इस दौरान प्रदेश मंत्रिमंडल के मंत्रीगण भी मंच पर थिरके।