लखनऊ
स्वास्थ्य विभाग ने थानों में मच्छर के लार्वा मिलने के बाद सफाई को लेकर नोटिस जारी किया था। जिम्मेदारों ने इसके बाद भी ध्यान नहीं दिया। अधिकारियों के निर्देश पर थानों में सालों से खड़ी गाड़ियों को हटवाना शुरू किया गया। क्रेन न मिलने पर कई थानों में दरोगा और सिपाहियों ने खुद गाड़ियों को ट्रकों पर लदवाया।
दूसरे ही दिन से बुखार की चपेट में आ गए। जांच में कई डेंगू पीड़ित पाए गए। सूत्रों के अनुसार गाड़ियां हटवाते समय मच्छरों के काटने से पुलिसकर्मियों को डेंगू हुआ है। इसके बावजूद कबाड़ हटवाने के बाद भी सफाई और फॉगिंग नहीं करवाई गई। नतीजतन मच्छर तेजी से फैले और कई अन्य पुलिसकर्मी बीमार हो गए। डेंगू की चपेट में आने वालों में कई थानों के इंस्पेक्टर, दरोगा और सिपाही शामिल हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने सितंबर में थानों का निरीक्षण करने के साथ ही गंदगी और पानी भरा मिलने पर सफाई के निर्देश जारी किए थे। पुलिस अधिकारियों ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। सितंबर के आखिरी सप्ताह में इंस्पेक्टर हजरतगंज हजरतगंज राधा रमण सिंह को डेंगू हो गया। इसके बाद भी थाने की सफाई जरूरी नहीं समझी गई और अक्टूबर के अंत तक कई थानों में गंदगी से पुलिसकर्मी बुखार की चपेट में आकर अस्पताल पहुंचने लगे। वर्तमान में इंस्पेक्टर नाका सुजीत दूबे, पारा थाने के अतिरिक्त प्रभारी राजेश कुमार सिंह, हजतरगंज थाने में तैनात दरोगा नीशू चौधरी, चंद्रभान गिरी, भूटान सिंह, महानगर में तैनात दरोगा इजहार अहमद, एएसपी टीजी कार्यालय के दरोगा अभिषेक सिंह, डायल-112 के सिपाही महेंद्र प्रताप, निर्भय सिंह, शाहीन सहित कई पुलिसकर्मी डेंगू से पीड़ित हैं।
गाड़ियां हटवाने में लापरवाही
थानों में खड़े-खड़े कबाड़ में तब्दील हो चुकी गाड़ियों को कल्ली पश्चिम स्थित पुलिस लाइंस में शिफ्ट करने का निर्देश सितंबर में जारी किया गया, लेकिन खर्च के लिए कोई बजट नहीं दिया गया। थानेदारों ने नगर निगम से मदद मांगी, लेकिन क्रेन और लेबर नहीं मिले। अफसरों के डर से थानेदारों ने अपने खर्च से ट्रक मंगवाकर दरोगा और सिपाहियों को गाड़ियां लादने में लगा दिया। करीब दस दिन तक पुलिसवाले गाड़ियां हटवाते रहे। इसी दौरान कई पुलिसकर्मी बुखार की चपेट में आ गए। हालत बिगड़ने पर जांच करवाने पर डेंगू की चपेट में आने की पुष्टि हुई।
कबाड़ हटते ही थानों में फैले मच्छर
थानों में वर्षों से खड़ी गाड़ियां हटवाने के बाद गंदगी और मच्छर फैलने लगे हैं। सफाई या फॉगिंग न होने से मच्छर तेजी से फैले। विभागीय जानकारों के अनुसार अधिकारियों को जानकारी देने पर चुप रहने की हिदायत दे दी गई।
दो साल पहले हुई थी दरोगा की मौत
अलीगंज थाने में तैनात दरोगा केजी शुक्ला की दो साल पहले डेंगू से मौत हो गई थी। जांच में पता चला कि थाने में कई साल से सफाई न होने से मच्छर पनपे थे। इसके बाद कुछ समय तक थाने में नियमित सफाई होती रही। अब एक बार फिर डेंगू फैलने से पुलिसकर्मियों में दहशत है।