नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ भड़काऊ नारेबाजी और हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच एक बेहद आपत्तिजनक विडियो सामने आया है। इस विडियो में जिस लहजे का इस्तेमाल किया गया है, वह हमारे संघीय ढांचे पर प्रहार कर रहा है। एक ऐसा विडियो जो अलगाववादी और विभाजनकारी अजेंडे को सामने लाता है। 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' और आजादी के नारों पर मचे घमासान के बीच जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के छात्र शरजिल इमाम के इस विडियो में पूर्वोत्तर और असम को भारत के नक्शे से मिटाने का घृणित मंसूबा बेनकाब हुआ है। यह विडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।
वायरल विडियो में जेएनयू छात्र शरजिल इमाम कहता है, 'हमारे पास संगठित लोग हों तो हम असम से हिंदुस्तान को हमेशा के लिए अलग कर सकते हैं। परमानेंटली नहीं तो एक-दो महीने के लिए असम को हिंदुस्तान से कट कर ही सकते हैं। रेलवे ट्रैक पर इतना मलबा डालो कि उनको एक महीना हटाने में लगेगा…जाना हो तो जाएं एयरफोर्स से। असम को काटना हमारी जिम्मेदारी है।'
'असम-इंडिया कटकर अलग हो तभी बात सुनेंगे'
विडियो में शरजिल बेहद भड़काऊ भाषा का इस्तेमाल करते हुए कहता है, 'असम और इंडिया कटकर अलग हो जाए, तभी वह हमारी बात सुनेंगे। असम में मुसलमानों का क्या हाल है, आपको पता है क्या? वहां एनआरसी लागू हो गया है। मुसलमान डिटेंशन कैंप में डाले जा रहे हैं…6-8 महीनों में पता चलेगा कि सारे बंगालियों को मार दिया गया वहां… अगर हमें असम की मदद करनी है तो हमें असम का रास्ता बंद करना होगा।'
शारजील इमाम के इस विडियो पर तीखी प्रतिक्रियाएं भी देखने को मिल रही हैं। कई सोशल मीडिया यूजर्स शारजील की नापाक मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि आखिर यह शख्स असम को भारत से अलग करने जैसा दुस्साहसिक कदम उठाने के लिए लोगों को क्यों उकसा रहा है? ऐसा करके वह क्या साबित करना चाहता है? सोशल मीडिया पर वायरल विडियो को कुछ लोग टुकड़े-टुकड़े गैंग से भी जोड़कर देख रहे हैं।
ट्विटर पर तीखी प्रतिक्रियाएं
ट्विटर पर यूजर्स ने शरजिल के विडियो को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं। एक यूजर ने पूछा, 'कौन है यह जो असम को इंडिया से काटने की बात कर रहा है?' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बयान है, अब देश की जनता को भी चाहिए कि ऐसे लोगों की पहचान कर इनपर ऐसा प्रहार करें कि ये या तो देश छोड़कर भाग जाएं या फिर दोबारा ऐसी नीच हरकत करने की सोचें भी न।'