मध्य प्रदेश

तीर्थ-दर्शन योजना में जुड़ेंगे गुरुनानक देव साहिब के पाँच आस्था स्थल

भोपाल

मुख्यमंत्री  कमल नाथ ने कहा है कि गुरुनानक देव साहिब के 550वें प्रकाश पर्व पर नानक साहिब से जुड़े देशभर के पाँच आस्था स्थलों को मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना में जोड़ा जाएगा। ये स्थल नांदेड़, महाराष्ट्र में स्थित तख्त सचखंड हुजुर साहिब, पंजाब के आंनदपुर में स्थित केशगढ़ साहिब, पंजाब के बठिंडा में स्थित दमदमा साहिब, हिमाचल प्रदेश के सिरमौर में स्थित पौंटा साहिब और मणिकर्ण साहिब हैं। मुख्यमंत्री आज मंत्रालय में अध्यात्म विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में जनसम्पर्क एवं अध्यात्म मंत्री  पी.सी. शर्मा उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुनानक जी का 550वाँ प्रकाश पर्व पूरे मध्यप्रदेश में धूम-धाम से मनाया जाए। इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ की जाएँ। उन्होंने कहा कि यह पर्व देश के आकर्षण का केन्द्र बने, यह हमारा प्रयास होना चाहिए।  बैठक में पुजारियों और उनके परिवार के हितों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं को भी स्वीकृति दी गई।

मुख्यमंत्री  कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न धर्मों के सभी आस्था स्थलों को सुनियोजित रूप से पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाए। इसमें बजट की कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के महाकाल सहित जितने भी प्रमुख सिद्ध स्थल हैं, वहाँ साउण्ड एंड लाइट शो की व्यवस्था भी हो। श्रृद्धालुओं को इन स्थलों के ऐतिहासिक महत्व से भी अवगत करवाया जाए।

बैठक में तय किया गया कि मंदिरों के पुजारियों और उनके परिवार के लिए कल्याणकारी योजनाएँ भी चलायी जाएंगी, जिसमें उनके बच्चों की शिक्षा, गंभीर बीमारियों और दुर्घटना होने पर सहायता उपलब्ध करवाना और बीमा कराना शामिल होगा। पुजारियों को तीर्थ-दर्शन यात्रा की सुविधा दी जाएगी और उन्हें गौ-शाला चलाने के लिए भी सहायता प्रदान की जाएगी। मंदिरों से जुड़े जो भी एक्ट हैं, उनमें आज की जरूरतों के हिसाब से आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। बैठक में यह भी तय किया गया कि दादाधूनी दरबार के ट्रस्ट को भंग कर नया दादाधूनी दरबार अधिनियम लाया जाएगा।

राम वन पथ गमन विकास परियोजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रगति की जानकारी माँगी। बैठक में बताया गया कि राम वन पथ गमन के लिए चौरासी कोस परिक्रमा के लिए 5 करोड़ रुपए, कामदगिरी कॉरिडोर और गुप्त गोदावरी के विकास के लिए एक-एक करोड़ रुपए दिए गए हैं।

महाकाल विकास योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि इसकी एक अलग बैठक में समीक्षा की जाएगी, जिसमें अब तक हुई प्रगति के बारे में जानकारी ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने खंडवा स्थित दादाजी दरबार के विकास के संबंध में अब तक की गई कार्रवाही की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि यह स्थल देश के करोड़ों लोगों की आस्था का केन्द्र है। इसके विकास में श्रृद्धालुओं की भावनाओं का विशेष ध्यान रखा जाए।

बैठक में मुख्यमंत्री ने नर्मदा, मंदाकनी, शिप्रा नदी ट्रस्ट, तापी नदी ट्रस्ट एवं मठ मंदिर सलाहकार समिति एवं विभिन्न मंदिर समितियों के सदस्यों के रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति करने के निर्देश दिए। मंदिरों से जुड़े अदालती प्रकरणों में कलेक्टर को अधिकृत करने और शासकीय भूमि पर स्थित मंदिरों का नियमितिकरण करने को भी कहा। उन्होंने कहा कि मंदिरों से जुड़ी देव भूमि का उपयोग कर मंदिरों की आय बढ़ाने के प्रयास किए जाएं।

बैठक में मुख्य सचिव  एस.आर. मोहन्ती, अपर मुख्य सचिव अध्यात्म  मनोज वास्तव एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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