मुंबई
हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनाने की तस्वीर साफ होने के बाद महाराष्ट्र में पेच फंसता नजर आ रहा है। यहां शिवसेना ने तल्ख तेवर अपनाते हुए बीजेपी से लिखित आश्वासन मिलने ही सरकार को समर्थन देने की बात कही है। शिवसेना ने 50-50 फॉर्म्युले की याद दिलाते हुए बीजेपी से लिखित आश्वासन मांगा है। शिवसेना का कहना है कि ढाई-ढाई साल के फॉर्म्युले पर बीजेपी लिखित आश्वासन दे तभी सरकार को समर्थन दिया जाएगा।
मुंबई उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री में आज शिवसेना की विधायक दल की बैठक हुई। शिवसेना नेता प्रताप सरनायक ने बैठक के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए बताया, 'हमारी मीटिंग में तय हुआ है कि जैसा कि अमित शाह जी ने लोकसभा चुनाव से पहले 50-50 फॉर्म्युले का वादा किया था, उसके हिसाब से दोनों दलों को 2.5-2.5 साल सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए। शिवसेना का सीएम भी होना चाहिए। उद्धव जी को बीजेपी से लिखित आश्वासन मिलना चाहिए।'
शिवसेना के तेवरों से लग रहा है कि वह बीजेपी से अलग राह भी पकड़ सकती है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने शिवसेना को साथ लेने के लिए दरवाजे खोल रखे हैं। हालांकि कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी ने विपक्ष में ही बैठने की बात कही है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने साफ किया है कि वह शिवसेना के साथ जाने के बजाय विपक्ष में बैठना पसंद करेंगे।
कांग्रेस ने अभी भी सेना के साथ गठबंधन की संभावनाओं को खारिज नहीं किया है। विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टिवर ने भी विपक्ष की भूमिका निभाने की बात कही है लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि किसी विकल्प पर चर्चा के लिए सेना को कांग्रेस के पास जाना चाहिए। उन्होंने साफ किया कि अभी तक सेना और कांग्रेस के बीच इस बारे में बात नहीं हुई है।
बता दें कि बीजेपी को बहुमत से कम सीटें मिली हैं, इसलिए शिवसेना किंगमेकर की भूमिका में आ चुकी है। उसने आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। सत्ता के समान बंटवारे के साथ ही शिवसेना पहले ढाई साल के लिए आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव बीजेपी के सामने रखने की तैयारी में है।
आदित्य ठाकरे को सीएम बनाने वाले पोस्टर
एक दिन पहले शुक्रवार को वर्ली में आदित्य ठाकरे को भावी मुख्यमंत्री बताने वाले पोस्टर नजर आए। वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने अपनी पार्टी के चुनाव चिह्न ‘बाघ’ को एनसीपी का चुनाव चिह्न 'घड़ी' पहने और बीजेपी के चुनाव चिह्न ‘कमल’ को सूंघता हुआ एक कार्टून ट्विटर पर पोस्ट किया। इस कार्टून का यह राजनीतिक अर्थ निकाला जा रहा है कि शिवसेना बीजेपी को संकेत देना चाहती है कि वह बदली परिस्थितियों में एनसीपी के साथ भी जा सकती है।