हल्दी का भारतीय भोजन और आयुर्वेदिक कारणों से इस्तेमाल सदियों से होता आ रहा है। यह कई तरह के रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के साथ ही घावों को ठीक करने व स्वस्थ बने रहने में भी मदद करती है। डायबीटीज के मरीजों के लिए भी यह काफी लाभदायक है। इस बारे में कई स्टडीज में भी सामने आ चुका है।
साल 2013 में 'एविडेंस-बेस्ड कॉम्प्लिमेंट्री ऐंड ऑल्टरनेटिव मेडिसिन' जर्नल में प्रकाशित स्टडी के मुताबिक, हल्दी में पाया जाने वाला करक्यूमिन कंपाउंड ब्लड शुगर लेवल को कम करने में मदद करता है। साथ ही में यह डायबीटीज के कारण आने वाली शारीरिक परेशानियों को भी कम करता है।
एक अन्य स्टडी में सामने आया था कि हल्दी में वोलेटाइल नाम का ऑइल होता है जो ऐसे एंजाइम प्रड्यूस करता है जो टाइप-2 डायबीटीज के उपचार में मदद करते हैं। इस स्टडी में यह भी जिक्र किया गया था कि हल्दी के ग्लूकोसाइडेस एंजाइम्स मधुमेह के मरीजों को दी जाने वाली स्टैंडर्ड दवाई के कुछ एलिमेंट के मुकाबले ज्यादा असरदार होते हैं।
कैसे लें हल्दी
भारतीय भोजन में हल्दी का इस्तेमाल यूं तो आम है, लेकिन इसे और भी कई तरह से लिया जा सकता है, जिससे इसका असर ज्यादा होगा। हल्दी को दूध के साथ लेना सबसे ज्यादा लाभकारी माना जाता है। चाहे तो हल्दी की चाय भी पी जा सकती है जो हल्दी वाले दूध जितनी ही असरदार होगी।
हल्दी वाला दूध
हल्दी वाला दूध बनाने के लिए पहले दूध को हल्का गरम कर लें। इसके बाद इसमें एक चुटकी हल्दी पाउडर और काली मिर्च पाउडर डालें और ग्लास में निकालकर पी लें। काली मिर्च का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि यह हल्दी के करक्यूमिन को शरीर में सोखने में और ज्यादा असरदार बनाने में मदद करती है।
हल्दी की चाय
एक कप पानी को गरम करें और इसमें दो कली लौंग, दो पिसी हुई काली मिर्च, एक इंच अदरक कद्दूकस किया हुआ, हल्दी कद्दूकस की हुई या फिर आधा टीस्पून हल्दी पाउडर डालें। इसे अच्छे से उबलने दें और फिर गैस बंद कर दें। चाय जब मध्यम तापमान पर आ जाए तो उसे कप में छान लें और फिर सिप लेकर पिएं।
सावधानी
इस बात का खास ध्यान रखें कि हल्दी ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के साथ अन्य फायदे पहुंचा सकती है लेकिन यह न सोचें की इससे आपकी डायबीटीज पूरी तरह दूर हो जाएगी। अपनी दवाई जारी रखें और टेस्ट भी समय-समय पर करवाते रहें। हल्दी के ज्यादा सेवन से भी बचें क्योंकि इससे नुकसान भी हो सकता है।