इस इंजन निर्माण के साथ ही भारत विश्व के सबसे ज्यादा हॉर्स पावर वाले इंजन बनाने के क्लब में शामिल। क्लब में भारत छटें स्थान पर है
भोपाल. 12 हजार हॉर्स पावर वाले इस इंजन का नाम डब्ल्यूएएचवीडब्ल्यू है और इसका नंबर 60027 है। ये इंजन अत्याधुनिक आईजीबीटी आधारित, 3-फेज ड्राइव और 12 हजार हॉर्स पावर का इलेक्ट्रिक इंजन है। यह इंजन 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से सफर करने में सक्षम है। इस इंजन के निर्माण के साथ ही भारत विश्व के सबसे ज्यादा हॉर्स पावर वाले इंजन बनाने के क्लब में शामिल हो गया है। क्लब में अब भारत का स्थान छटें स्थान पर है।
फ्रांस से पांच इंजनों को लाया गया था भारत
अक्टूबर 2017 में मधेपुरा फैक्ट्री में इस इंजन का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। इससे पहले फ्रांस से पांच इंजनों को भारत लाया गया था, जिसके बाद सभी को असेम्बल किया गया था। इस 12 हजार हॉर्स पावर वाले इंजन को बनाने में करीब 19 हजार करोड़ रुपए का खर्चा आया है।
यह पूरा प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत बनाया गया है। वहीं अब बिहार के मधेपुरा में हर साल 120 इंजन बनाने के लिए कारखाने का निर्माण कार्य भी किया गया है। इसके साथ ही यहां टाउनशिप भी बनाई गई है।
120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार है
22.5 टन के एक्सल लोड के ट्विन बो-बो डिजाइन वाले इंजन को 120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ 25 टन तक अपग्रेड किया जा सकता है। यह इंजन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के लिए कोयला रेलगाडिय़ों की आवाजाही के लिए एक गेम चेंजर साबित होगा। इसमें लगे हुए सॉफ्टवेयर और एंटीना के माध्यम से इसके रणनीतिक उपयोग के लिए इंजन पर जीपीएस के जरिए नजर रखी जा सकती है।
ट्रायल के तौर पर पूरे भारत में भेजा जा रहा है
माइक्रोवेव लिंक के माध्यम से जमीन पर सर्वर के जरिए एंटीना उठाया जाता है।
12 हजार हॉर्स पावर के नए इंजन को ट्रायल के तौर पर पूरे देश भर के अलग-अलग रेल मंडलों में भेजा जा रहा है। वहीं अब ढलान और ऊपर भारी माल गाडिय़ों के संचालन में यह इंजन अहम भूमिका निभाएंगे।