रायपुर
किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने टोकनों की संख्या पूर्ववत 5 किए जाने संबंधी संशोधन साफ्टवेयर में तत्काल किए जाने की मांग राज्य के मुख्य सचिव आरपी मंडल से की है। उन्होंने बताया कि किसानों व समितियों में उपज रहे आक्रोश को देखते हुए शासन ने प्रतिदिन धान खरीदी की सीमा को घटाने वाले फरमान को तो वापस ले लिया है लेकिन टोकन संख्या को 5 से घटा 3 किए जाने के फैसले को वापस नहीं लिया है। जिसके कारण किसानों व समिति कर्मियों के बीच रोजाना विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा के अनुसार धान खरीदी शुरू होते समय समिति कर्मियों द्वारा अपने उच्चाधिकारियों के हवाले से इस वर्ष भी बीते वर्षों की भांति हरेक किसान को 5 टोकन की पात्रता होने की जानकारी दी गयी थी और उसी के अनुरूप किसान मिंजाई कर किश्तों मे धान लेकर उपार्जन केन्द्र पहुंच रहे थे तभी अचानक मात्र तीन टोकन की पात्रता साफ्टवेयर मे किये जाने की जानकारी किसानों को मिली। साफ्टवेयर मे आज तक 5 टोकन की पात्रता संबंधी संशोधन न किए जाने से किसान परेशान हैं।
श्री शर्मा का यह भी कहना है कि प्रदेश के प्रत्येक ग्रामों मे किसानों के रकबों की तुलना मे हारवेस्टर व ट्रेक्टरों की संख्या नगण्य है और वे किश्तों मे धान की कटाई-मिंजाई करते हैं। इसके अतिरिक्त उपार्जन केन्द्रों तक धान ले जाने में भी किसान एक-दूसरे के धान कट्टे का उपयोग करते हैं जिसके चलते तीन टोकनों मे धान बेच पाना किसानों के लिए संभव नहीं हो पाता। इन परिस्थितियों के मद्देनजर टोकनों की संख्या पूर्ववत 5 की जानी चाहिए। इस संबंध में उन्होंने मुख्य सचिव आरपी मंडल को ज्ञापन प्रेषित किया है।
आज बरसात की वजह से जिन टोकनधारी किसानों का धान नहीं खरीदा जा सका है उनका धान खाद्य सचिव के अनुसार कल खरीदा जाएगा लेकिन यह व्यवहारिक रूप से सँभव नहीं है क्योंकि कल के लिये भी पूर्व में किसानों को सोसायटी के धान खरीदी के क्षमतानुसार टोकन जारी किया जा चुका है। इस स्थिति में कल के लिये टोकनधारी किसानों के धान की खरीदी नहीं हो पाएगी और यह सिलसिला जारी रहेगा और किसानों को एक टोकन का नुकसान उठाना पडेगा तथा अंतिम तीसरा टोकन लेने वाला किसान अँतत: धान बेचने से वंचित रह जाएगा। क्योंकि तीसरे टोकन कटने के बाद धान की तौलाई न होने की स्थिति में भी साफ्टवेयर स्वमेव लाक हो जाता है।