नई दिल्ली
TATA समूह के सामने एक बड़ी मुसीबत आ खड़ी हुई है. समूह की टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज का मोबाइल टेलीकॉम कारोबार बंद हो चुका है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद उसे एडजेस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) का करीब 13,823 करोड़ रुपये सरकार देना है. अब टाटा समूह इसके लिए फंड जुटाने की तरकीब लगा रहा है. इसके लिए समूह की एक कंपनी टीसीएस से मदद ली जा सकती है.
ग्रुप कैसे चुकाएगा यह बकाया
टाटा समूह के एक अधिकारी ने इस राशि को 'अतार्किक रूप से बहुत ज्यादा' बताया है, लेकिन कंपनी एक-एक पाई चुकाने के लिए प्रतिबद्ध है. टाटा समूह की मुख्य कंपनी टाटा सन्स ने बंद हो चुकी टाटा टेलीसर्विसेज के AGR बकाया चुकाने के लिए फंड जुटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. एजीआर का 13,823 करोड़ रुपये का बकाया चुकाने के लिए समूह की दिग्गज आईटी कंपनी टीसीएस का सहारा लिया जा सकता है.
टीसीएस देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी है. टाटा समूह की टेलीकॉम कंपनी Tata Teleservices की स्थापना 1996 में हुई थी, लेकिन इसका कारोबार सफल नहीं रहा. अगस्त 2017 में टाटा ग्रुप ने भारी घाटे की वजह से कंपनी ने अपना मोबाइल नेटवर्क एयरटेल को बेच दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था ये निर्णय
इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा टेलीकॉम कंपनियों की फैसले में बदलाव की याचिका को स्वीकार किया जा चुका है, इसके बावजूद समूह पहले से पैसे का बंदोबस्त करने में जुट गया है. गौरतलब है कि बीते साल 24 अक्टूबर को एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और रिलायंस जियो समेत अन्य टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा झटका लगा था. इस दिन सुप्रीम कोर्ट ने इन टेलीकॉम कंपनियों को सरकार की बकाया रकम (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू- AGR) चुकाने का आदेश दिया, जो ब्याज वगैरह जोड़कर करीब 1.40 लाख करोड़ रुपये का है.