बिलासपुर
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) जिले में झीरम घाटी कांड (Jhiram Valley maoist attack) को लेकर दो पीड़ितों ने हाईकोर्ट (High Court) में रिट याचिका दायर (Writ Petition) की है. दोनों पीड़ितों ने NIA (National Investigation Agency) एक्ट को असंवैधानिक (Unconstitutional) बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी है.
हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि जब NIA ने अपनी जांच पूरी कर ली है तो मामले से संबंधित केस डायरी राज्य शासन को क्यों नहीं दे रही है. इसके अलावा मुख्य आरोपी और गवाहों के नाम को भी NIA द्वारा हटाए जाने पर याचिकाकर्ताओं ने सवाल उठाया है.
मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने कहा कि संबंधित दो याचिकाएं हाईकोर्ट में पेंडिंग हैं. इसमें से एक याचिका NIA एक्ट के कारण झीरम घाटी घटना की जांच को लेकर है और दूसरी याचिका भीमा मंडावी मामले को लेकर है, जिसमें राज्य सरकार की जांच को NIA मना कर रही है. इन दोनों ही मामले में नोटिस भेजने के बावजूद केंद्र सरकार का अब तक कोई जवाब नहीं आया है.
संबंधित मामले में मंगलवार को हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बेंच में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार का जवाब प्रस्तुत नहीं हुआ. इस चलते हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को आगामी 16 अक्टूबर को जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. साथ ही याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार के जवाब के बदले जवाब यानी रिज्वाइंडर पेश करने को कहा है. दोनों पक्षों के जवाब आने के बाद आगामी 22 अक्टूबर को मामले में अगली सुनवाई होगी.
गौरतलब है कि बीते 25 मई 2013 झीरम घाटी में नक्सली हमले में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं की हत्या कर दी गई थी. इसमें कई पुलिसकर्मी और आम कार्यकर्ता भी गोली लगने से घायल हो गए थे. इस घटना में कांग्रेस के महासचिव विवेक बाजपेयीके पैरों में गोली लगी थी. उन्होंने मामले में रिट पिटीशन दायर किया था, जिसे हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में स्वीकार कर केंद्र और राज्य सरकार के साथ NIA को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था.