मध्य प्रदेश

ज्ञान आजीवन व्यक्ति के साथ रहता है, इस कार्यशाला से अर्जित ज्ञान से अपनी भाषाओं को जीवंत बनाये रख सकते हैं: विजय जोशी

हिन्दी भवन में मेरा मोबाइल, मेरा कम्प्यूटर और मेरी भाषा का ऑनलाइन आयोजन

भोपाल. मध्यप्रदेश राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, हिन्दी भवन, भोपाल की ओर से बीते दिनों एक तकनीकी कार्यशाला का आयोजन ‘मेरा मोबाइल, मेरा कम्प्यूटर और मेरी भाषाÓ का आयोजन ऑनलाइन किया गया। कार्यशाला में समिति से जुड़े लेखकों एवं साहित्यकारों के अलावा देश के विभिन्न स्थानों से छात्रों एवं प्राध्यापकों की भी हिस्सेदारी रही।

कोरोना काल में भी जारी है आपसी संवाद
कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए हिन्दी भवन के मंत्री संचालक कैलाशचन्द्र पन्त ने कहा कि कोरोना काल में सामाजिक दूरी के बावजूद आपसी संवाद और विचार-विमर्श के लिए आधुनिक तकनीक के माध्यम से हम आपस में जुड़े रह सकते हैं। इस तकनीक ज्ञान से आज सभी को परिचित होना आवश्यक है।

आगे बढ़ा सकते हैं लेखन कार्य
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भेल के पूर्व ग्रुप महाप्रबंधक विजय जोशी ने कहा कि ज्ञान आजीवन व्यक्ति के साथ रहता है। इस कार्यशाला के माध्यम से अर्जित ज्ञान के द्वारा अपनी भाषाओं को जीवंत बनाये रख सकते हैं और लेखन को भी आगे बढ़ा सकतें हैं।

विशेषज्ञों ने दी जानकारी, बताए उपाय
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ के रूप में माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय कम्प्यूटर विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. अनुराग सीठा ने हिन्दी में उपलब्ध फॉण्ट, स्पेल चेकर, स्पीच टू टेक्स्ट, टेक्स्ट टू स्पीच, गूगल वाईस टाइपिंग, ऑनलाइन शब्दकोश आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। राहुल खटे ने मोबाइल में हिन्दी में उपलब्ध अनेक सुविधाओं को प्रस्तुत किया। इस कार्यशाला का संचालन हिन्दी भवन के निदेशक डॉ. जवाहर कर्नावट ने किया। कार्यक्रम की संयोजक कान्ता रॉय ने आभार व्यक्त किया।

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