छत्तीसगढ़

जेल में निरूद्ध पालकों के बच्चों को संस्थागत संरक्षण दिया जाएगा

जांजगीर-चांपा 
जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा आज सर्वोच्च न्यायालय के मार्ग दर्शन के अनुक्रम में जेलों में निरूद्ध बच्चों के सत्यापन के लिए जिला जेल खोखरा एवं उप जेल सक्ती का निरीक्षण किया गया। सभी बैरकों में समस्त बंदियों से उम्र संबंधी जानकारी ली गई। जहां विधि के उल्लंघन करने वाले किशोर नही पाये गये। कुछ बंदियों द्वारा अवगत कराया गया कि उनके निवास स्थान में बच्चों का पालन-पोषण एवं देखरेख करने हेतु कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है, वह स्वयं व उसकी पत्नी जेल में निरूद्ध है, ऐसे बंदियों के बच्चों की सूची तैयार की गई, जिसे बाल कल्याण समिति के माध्यम से संस्थागत संरक्षण प्रदान किया जावेगा।  जेल के कर्मचारियों को निरीक्षण समिति द्वारा अवगत कराया गया कि जेलों में प्रवेश देते समय यदि बंदी 18 वर्ष से कम के प्रतीत हों, या उम्र संदेहास्पद होने के स्थिति में समिति के सदस्यों को तत्काल सूचना दी जाए ताकि समिति द्वारा उम्र सत्यापन के पश्चात किशोरों को संप्रेषण गृह में संरक्षण दिलाने की कार्यवाही की जा सके। निरीक्षण के दौरान समिति के सदस्य जिला बाल संरक्षण इकाई जांजगीर-चाम्पा से श्री गजेन्द्र सिंह जायसवाल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, सुश्री पूजा तिवारी, संरक्षण अधिकारी (गैर संस्थागत देखरेख), श्री सम्मे सिंह कंवर, विधिक सह परिवीक्षा अधिकारी, श्रीमती संतोषी वैष्णव सामाजिक कार्यकर्ता, संस्था कुलीपोटा, जिला जांजगीर-चाम्पा (छ.ग.) श्री शिवनारायण रात्रे सामाजिक कार्यकर्ता, समिति के सदस्य श्री संदीप सिंह बनाफर, श्री विशाल तिवारी पैनल अधिवक्ता एवं जेलों के कर्मचारी उपस्थित थेे।

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