राजनांदगांव
जिला पंचायत चुनाव में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के लिए वोट के एवज में लाखों रुपए लेने की स्वयं की स्वीकोरिक्ति के बाद विवादों में फंसे जिला पंचायत सदस्य विप्लव साहू की सदस्यता को छत्तीसगढ़ न्यायालय संचालक पंचायत में चुनौती दी गई है।
बताया गया है कि खैरागढ़ क्षेत्र के चिचोला निवासी दयालूराम वर्मा ने याचिका के जरिए विप्लव साहू की सदस्यता को शून्य घोषित करने की मांग करते कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसमें सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने जैसे लाभ प्राप्त करने का भी गंभीर आरोप है। बताया गया है कि दयालूराम ने क्षेत्र क्र. 6 के जिपं सदस्य विप्लव साहू पर खैरागढ़ की शासकीय भूमि खसरा नंबर 333 रकबा 15.613 वर्ग मीटर पर 20 अगस्त 2017 से कब्जा करने की जानकारी को छिपाने का आरोप लगाया है। नामांकन के दौरान साहू ने राज्य निर्वाचन आयोग से इस तथ्य को छुपाकर रखा। जबकि यह एक लाभ लेने का मामला है। इसी तरह याचिकाकर्ता ने विप्लव साहू पर अन्य मामलों पर भी शिकायत की है।
याचिकाकर्ता का कहना है कि निर्वाचन याचिका अंतर्गत धारा 122 छत्तीसगढ़ पंचायत राज्य अधिनियम 1993 की शर्तों का विप्लव साहू ने पालन नहीं किया है। बताया गया है कि 8 अप्रैल को न्यायालय ने सुनवाई की पहली तारीख तय की है। यानी दोनों पक्ष से न्यायालय उक्त तिथि को जानकारी लेगा। बताया गया है कि विप्लव साहू के खिलाफ याचिकाकर्ता ने शिकायत करते हुए अन्य मामलों में भी सुनवाई करने की गुजारिश की है। इस संबंध में दयालूराम वर्मा ने कहा कि वह क्षेत्र क्र. 6 के मतदाता हैं। 28 फरवरी को हुए मतदान में उन्होंने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। वर्मा का कहना है कि क्षेत्र की जनता के साथ साहू ने एक तरह से छल किया है। विप्लव साहू को बर्खास्त करने की मांग राजनीतिक स्तर पर भी हो रही है। बताया गया है कि कांग्रेस के कुछ और पदाधिकारियों ने राज्य सरकार से भी विप्लव साहू की कार्यशैली को लेकर कई जानकारी देते शिकायत की गई है।