नई दिल्ली
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और सीपीआई नेता कन्हैया कुमार एक बार फिर आजादी का नारा दोहराते दिखे. जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हुई कथित हिंसा के बाद कन्हैया कुमार ने बिहार के पूर्णिया में 'हम ले के रहेंगे आजादी' का नारा दोहराया.
इस दौरान कन्हैया कुमार के साथ-साथ भीड़ भी यही नारा दोहराती दिखी. कन्हैया कुमार पूर्णिया में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान जनसभा में हजारों लोग भी मौजूद रहे.
सोमवार को कन्हैया कुमार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ नारे लगाए. इस दौरान कन्हैया कुमार ने जामिया विद्यार्थियों पर पुलिस की ओर से की गई कथित हिंसा का भी जिक्र किया. कन्हैया कुमार ने कहा दो गांधी वाली आजादी. कन्हैया कुमार के नारे को फिर भीड़ ने पूरा किया.
कई सार्वजनिक मंचों से कन्हैया कुमार ये नारा दोहरा चुके हैं. जेएनयू के साथ-साथ अन्य विश्वविद्यालयों में छात्र इस नारे को अब विरोध प्रदर्शनों के दौरान दोहराते हैं.
जनसभा में लोगों ने नागरिकता कानून के खिलाफ नारे लगाए, साथ ही छात्रों पर हो रही कथित हिंसा के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया दी. साथ ही कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) दोनों असंवैधानिक है.
देश के विद्यार्थियों पर पुलिस के दमन और संविधान एवं ग़रीब विरोधी CAB-NRC के खिलाफ आज पूर्णिया(बिहार) की जनता ने अपनी आवाज बुलन्द की। जनता समझ रही है कि उनके असल सवालों को दबाने के लिए यह सरकार उन्हें नागरिकता सिद्ध करने के लिए सरकारी दफ़्तरों के बाहर लाइनों में लगा देना चाहती है।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि नागरिका संशोधन अधिनियम 2019 शरणार्थियों को नागरिकता देने के संबंध में है. यह कानून किसी की नागरिकता छीनने के लिए, नहीं नागरिकता देने के लिए लाया गया है . किसी भी भारतीय की नागरिकता छीनी नहीं जाएगी. झारखंड में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा था कि कुछ राजनीतिक पार्टियां इस संबंध में गलतफहमियां फैला रही हैं. वे अपना एजेंडा फैलाने के लिए अफवाह उड़ा रहे हैं.
क्या है नया कानून?
नागरिकता संशोधन कानून में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है.
कन्हैया का आजादी नारा रहा है विवादित
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में फरवरी 2016 में लगे नारों के मामले में दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की थी. इस चार्जशीट में जेएनयू के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार, छात्र नेता उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य को मुख्य आरोपी बनाया गया. इन तीनों को इस मामले में जेल भी जाना पड़ा था. दरअसल कन्हैया कुमार पर आरोप लगा था कि उनकी मौजूदगी में हम क्या चाहते आजादी, हम लेके रहेंगे आजादी के साथ-साथ देशद्रोही नारे लगाए गए थे.