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जामिया गोलीकांड: हत्या की कोशिश व आर्म्स एक्ट का केस दर्ज, जांच क्राइम ब्रांच के हवाले

नई दिल्ली
शाहीनबाग से राजघाट जा रहे जामिया छात्रों के जुलूस पर गोली चलाने वाले युवक के खिलाफ हत्या की कोशिश और शस्त्र अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई। मामला घायल के बयान पर दर्ज किया गया बताया जा रहा है। थाना न्यू फ्रेंड्स कालोनी थाने में केस दर्ज होते ही दिल्ली पुलिस ने हमलावर को कानूनी रूप से देर रात गिरफ्तार भी कर लिया। 

गुरुवार (30 जनवरी) को देर रात आईएएनएस से बात करते हुए यह जानकारी दिल्ली पुलिस प्रवक्ता अनिल मित्तल ने दी। उन्होंने बताया, “आरोपी को हिरासत में मौके पर ही घटना के तुरंत बाद ले लिया गया था। हमलावर ने जिस हथियार का गोली चलाने में इस्तेमाल किया, उसे भी जब्त कर लिया गया।”

दिल्ली पुलिस मुख्यालय से गुरुवार (30 जनवरी) देर रात जारी अधिकृत बयान के मुताबिक, आरोपी से थाना पुलिस फिलहाल अब कोई पूछताछ नहीं करेगी, क्योंकि घटना की जांच क्राइम ब्रांच के हवाले कर दी गई है। हालांकि जांच अधिकृत रूप से मिलने से पहले ही क्राइम ब्रांच की टीम मौके पर पहुंच गई थी, जबकि जांच क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किए जाने की कागजी खानापूर्ति देर रात हो पाई।

गोलीकांड की जांच दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने अपराध शाखा की विशेष टीम के हवाले गुरुवार (30 जनवरी) देर रात की है। जानकारी के मुताबिक, जांच ट्रांसफर होते ही आरोपी और वारदात में इस्तेमाल हथियार को अपराध शाखा की टीम ने मय एफआईआर के कब्जे में ले लिया है।

राजधानी दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास बृहस्पतिवार (30 जनवरी) को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एक समूह पर एक व्यक्ति द्वारा पिस्तौल से गोली चलाए जाने के बाद हजारों लोग और पुलिसकर्मी आमने सामने आ गए। व्यक्ति द्वारा चलाई गई गोली से एक छात्र घायल हो गया, जबकि घटना के बाद उक्त व्यक्ति पिस्तौल हवा में लहराते और यह चिल्लाते हुए निकला कि ''ये लो आजादी।"

रात होने के साथ ही क्षेत्र में व्यापक प्रदर्शन शुरू हो गया। आंदोलनकारी छात्र और विश्वविद्यालय के पास जमा अन्य सैकड़ों लोगों ने बैरिकेड तोड़ दिए और पुलिसकर्मियों से भिड़ गए। महिलाओं सहित कुछ प्रदर्शनकारियों को जबर्दस्ती ले जाते हुए देखा गया। कई ने राष्ट्रीय गान गाया। पुलिस ने गोली चलाने वाले व्यक्ति को पकड़ लिया और उसे गिरफ्तार कर लिया। घायल छात्र शाहदाब फारुक के हाथ से खून बहते हुए देखा गया। उसे एम्स ट्रामा सेंटर ले जाया गया।
फारुक जनसंचार का छात्र है और वह कश्मीर का रहने वाला है।

आरोपी व्यक्ति पिस्तौल दिखाने से पहले फेसबुक पर लाइव हुआ था जिसमें स्वयं की पहचान रामभक्त गोपाल बताई थी। पुलिस ने कहा कि वह इसकी जांच कर रही है कि क्या यह उसका वास्तविक नाम है। इस घटना से पहले व्यक्ति ने फेसबुक पर संदेश पोस्ट किए ''शाहीनबाग का खेल खत्म।" एक अन्य संदेश में उसने लिखा है, ''मेरी अंतिम यात्रा पर…मुझे भगवा में ले जाएं…और जय श्रीराम के नारे हों।" उसकी पोस्ट के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के बाद उसका फेसबुक प्रोफाइल डिलीट कर दिया गया।

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