तोक्यो
तोक्यो की एक अदालत ने बुधवार (18 दिसंबर) को पत्रकार शिओरी इतो को 'मी टू' के हाई प्रोफाइल मामले में 30,000 डॉलर मुआवजा देने का आदेश दिया। पत्रकार ने जापान में चले 'मी टू' अभियान के दौरान टीवी के एक पूर्व रिपोर्टर पर बलात्कार का आरोप लगाया था।
इस दीवानी मामले ने जापान और विदेशों में सुर्खियां बटोरी थीं क्योंकि 2017 के एक सरकारी सर्वेक्षण के मुताबिक, जापान में बलात्कार पीड़िताओं का अपराध की सूचना पुलिस को देना असाधारण बात है। सर्वेक्षण के मुताबिक, यहां केवल चार प्रतिशत महिलाएं अपने साथ हुए बलात्कार की शिकायत दर्ज कराती हैं।
इतो (30) जापान में 'मी टू' अभियान की मुखर आवाज बन गईं थीं जहां यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के खिलाफ आंदोलन को अपनी जमीन बनाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी थी। उन्होंने प्रधानमंत्री शिंजो आबे से नजदीकी संपर्क रखने वाले टीवी के एक पूर्व रिपोर्टर नोरियुकी यामागुची से 1,00,000 डॉलर का मुआवजा मांगा था। इतो का आरोप था कि 2015 में यामागुची ने नौकरी का झांसा देकर उन्हें खाने पर बुलाया और बलात्कार किया था।
यामागुची लगातार इन आरोपों से इनकार करते रहे और इतो के खिलाफ उन्होंने जवाबी वाद दर्ज कराया और मुआवजे में 13 करोड़ येन मांगे। इतो ने अदालत के बाहर कहा, “हम जीत गए। जवाबी वाद निरस्त कर दिया गया।” उन्होंने हाथ में एक बैनर उठाया हुआ था जिसमें ''जीत” लिखा था।