मध्य प्रदेश

जल निगम द्वारा क्रियान्वित 15 ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजना मंजूर

भोपाल
मुख्यमंत्री  कमल नाथ की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में मध्यप्रदेश जल निगम द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली 15 ग्रामीण समूह जल प्रदाय योजनाओं को स्वीकृति दी गयी। इन जलप्रदाय योजनाओं की कुल अनुमानित लागत 7854 करोड़ 68 लाख रूपये है। इन योजनाओं के कार्य पूर्ण होने पर 13 जिलों के 4022 गाँव को घर-घर नल कनेक्शन के माध्यम से पेयजल सुविधा उपलब्ध होगी।

मंत्रि-परिषद ने सुपर स्पेशलिटी अस्पताल इन्दौर की परियोजना के लिये 237 करोड़ और 970 नये पद का सृजन कर दो चरणों में भर्ती करने के लिये प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की। बैठक में चिकित्सा महाविद्यालय जबलपुर में 'स्टेट एलाइड हेल्थ साईंस इंस्टीट्यूट जबलपुर' की स्थापना के लिये 54 पद तथा इन्दौर चिकित्सा महाविद्यालय में स्थापित 'स्टेट एलाइड हेल्थ साईंस इंस्टीट्यूट इन्दौर' के संचालन के लिये 59 पदों का सृजन स्व-वित्त पोषित संस्थाओं के अंतर्गत करने की मंजूरी दी गई।

राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण का गठन

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण (स्टेट मेंटल हेल्थ अथॉरिटी एस.एम.एच.ए) का गठन करने का निर्णय लिया। मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम के तहत प्राधिकरण के गैर सरकारी सदस्यों के चयन एवं नियुक्ति के लिये लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को अधिकृत किया गया। प्राधिकरण में 9 शासकीय और 11 अशासकीय सदस्य होंगे। इसी के साथ, प्रदेश में विशेषज्ञों की कमी को देखते हुये हर संभाग में एक मानसिक स्वास्थ्य रिव्यू बोर्ड का भी गठन करने का निर्णय लिया गया।

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड जबलपुर को स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया से स्वीकृत 500 करोड़ रूपये की नगद साख सुविधा प्राप्त करने के लिये शासकीय प्रत्याभूति प्रदान करने का निर्णय लिया। कंपनी द्वारा राज्य शासन को 0.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से गारंटी फीस का भुगतान करना होगा।

विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष का स्वैच्छानुदान दोगुना

विधानसभा अध्यक्ष की स्वेच्छानुदान राशि को मंत्रि-परिषद ने एक करोड़ रूपये से बढ़ाकर दो करोड़ तथा विधानसभा उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष की स्वेच्छानुदान राशि को 50 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रूपये करने की मंजूरी दी। बैठक में प्रदेश में दिव्यांगों के सामाजिक पुनर्वास तथा नि:शक्तता के क्षेत्र में कार्य करने वाले स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं/संस्थाओं को प्रोत्साहित करने एवं मान्यता देने के उद्देश्य से दिव्यांगता की चारों श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं को प्रत्येक श्रेणी में दो-दो लाख रूपये संस्थागत पुरस्कार तथा व्यक्तियों को प्रत्येक श्रेणी में एक-एक लाख रूपये व्यक्तिगत पुरस्कार प्रतिवर्ष देने का निर्णय लिया गया।

नशाबंदी के लिये स्वैच्छिक संगठनों को पुरस्कार

मंत्रि-परिषद ने सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा नशाबंदी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले स्वेच्छिक संगठनों को प्रतिवर्ष राज्य सरकार द्वारा राज्य स्तर पर दो-दो लाख रूपये के दो पुरस्कार तथा जिला स्तर पर 50-50 हजार रूपये के तीन पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र देने का निर्णय लिया है। यह राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय पुरस्कार प्रतिवर्ष 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर दिये जायेंगे। साथ ही, विभाग में समग्र सामाजिक सुरक्षा विस्तार अधिकारी, तृतीय श्रेणी कार्यपालिक पद पर बेगा, सहारिया एवं भारिया जनजाति के 38 उम्मीदवारों को बिना चयन प्रक्रिया के सीधी भर्ती/ पदोन्नति के पदों पर नियुक्ति करने के लिये एक बार छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

अजा पीएचडी की अवधि में वृद्धि

मंत्रि-परिषद ने अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा विदेश में उच्च शिक्षा के लिये संचालित छात्रवृत्ति योजना में शोध उपाधि(पी.एच.डी.) की अवधि दो वर्ष से बढ़ाकर शोध अवधि अथवा चार वर्ष, जो भी कम हो, करने का निर्णय लिया। इसी प्रकार, वर्तमान सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 60 करने की मंजूरी दी गयी। चयन में महिला अभ्यार्थियों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से उनके लिये 10 स्थान सुरक्षित रखे गये। किसी वर्ष पर्याप्त महिला अभ्यार्थी नहीं मिलने की स्थिति में उनके स्थान पर पुरूष अभ्यर्थी का चयन किया जा सकेगा। आकस्मिक भत्ता एक हजार यूएस डॉलर के स्थान पर 1500 यूएस डॉलर करने का निर्णय लिया। पात्रता की शर्त में उपाधि के अन्तर्गत स्नातक उपाधि जोड़ने का निर्णय लिया गया। इससे हायर सेकेण्ड्री के बाद भी छात्र विदेश अध्ययन के लिये जा सकेंगे।

मंत्रि-परिषद ने नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों के हायब्रिडाईजेशन और विभिन्न प्रकार के ऊर्जा भण्डारण को बढ़ावा देने के लिये 'मध्यप्रदेश हायब्रिड नवकरणीय ऊर्जा एवं एनर्जी स्टोरेज नीति लागू करने का निर्णय लिया। बैठक में  रामकृष्ण विवेकानंद सेवा आश्रम पोंडकी जिला अनूपपुर को दाण्डिक राशि लेकर दो एकड भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया।

वेष्ठित भूमि में अवैध कालोनियों की व्यवस्था

मंत्रि-परिषद द्वारा नगर भूमि सीमा अधिनियम 1976 के अन्तर्गत शासन में वेष्ठित भूमि में अवैध कॉलोनियों की व्यवस्था के संबंध में निर्णय लिया गया। विभागीय परिपत्र 3 फरवरी 2000 में निर्धारित समयावधि के बाद के प्रब्याजी एवं भू-भाटक में विलम्ब के प्रथम वर्ष के लिये 12 प्रतिशत और उसके बाद शेष अवधि के लिये 15 प्रतिशत नियमानुसार साधारण ब्याज सहित संगणित सम्पूर्ण राशि जमा कराने के बाद विभागीय परिपत्र 4 मई 2002 द्वारा निर्धारित प्रारूप में पट्टा प्रदाय करने का निर्णय लिया। सभी प्रकरणों का निराकरण करने के लिये 12 माह का समय निर्धारित किया गया है।

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