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जलवायु परिवर्तन से 30 फीसदी बढ़ चुका है आग का खतरा: रिपोर्ट

नई दिल्ली                                                                               
जलवायु परिवर्तन के चलते हर मोर्चे पर खतरा मंडरा रहा है। एक नए अध्ययन में कहा गया है कि इसके चलते आग लगने का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। वर्ल्ड वेदर ऐट्रिब्यूशन (डब्ल्यूडब्ल्यूए) की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 1900 की तुलना में इस खतरे में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है, लेकिन सदी के अंत तक यदि तापमान में बढ़ोतरी दो डिग्री सेल्सियस की होती है तो यह खतरा मौजूदा स्तर से चार गुना और बढ़ जाएगा। 

बुधवार को जारी होने वाली एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने दो अलग-अलग मॉडलों का इस्तेमाल कर आग फायर वेदर इंडेक्स तैयार किया है। यह इंडेक्स बताता है कि बढ़ती गर्मी के कारण आग लगने की आशंका में इजाफा हुआ है। ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी हालिया आग के साथ-साथ दुनिया के तमाम हिस्सों के जंगलों में बढ़ती आग की घटनाओं के आंकड़ों का भी विश्लेषण किया गया है। जिससे यह नतीजा निकलता है कि जलवायु परिर्वतन से आग का खतरा बढ़ रहा है। 

इस अध्ययन में दुनिया के विभिन्न हिस्सों के सात दिनों के अधिकतम औसत तापमान को आधार बनाया गया है। तापमान के आंकड़ों के आधार पर फायर वेदर इंडेक्स तैयार किया गया है। इसमें यह आकलन किया गया है कि बीसवीं सदी के शुरू की तुलना में आज तापमान में 1-2 डिग्री की बढ़ोतरी हो चुकी है तथा गर्म हवाएं चलने की घटनाएं करीब दस गुना बढ़ चुकी हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्म महीनों के अलावा नवंबर-दिसंबर के शुष्क महीनों में भी आग की आशंकाओं में बढ़ोतरी हुई है। 

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