मुंंबई
महाराष्ट्र में पोर्टफोलियो बंटवारे को लेकर शिवसेना-कांग्रेस-एनसपीपी में खींचतान अब खत्म होने की उम्मीद बढ़ गई है। पिछले महीने बीजेपी की तीन दिन की सरकार में देवेंद्र फड़णवीस के साथ उपमुख्यमंत्री बने एनसीपी के अजित पवार को उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली नई सरकार में वित्त मंत्री बनाया जा सकता है। महाराष्ट्र में गठबंधन में सरकार बनाने वाले शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मंत्री पदों में साझेदारी की व्यवस्था पर बातचीत कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि पहले से मंत्री के तौर पर शपथ ले चुके एनसीपी के जयंत पाटिल को उपमुख्यमंत्री के साथ ही गृह मंत्री बनाया जा सकता है। अस्थायी समझौते के अनुसार, 56 विधायकों वाली शिवसेना को 10 पोर्टफोलियो, 54 विधायकों वाली एनसीपी को 7 मंत्री और एक उपमुख्यमंत्री का पद मिल सकता है। कांग्रेस के 44 विधायक हैं और उसे स्पीकर के साथ ही 6 मंत्री पद दिए जा सकते हैं। गठबंधन में प्रत्येक दल की राजनीतिक जरूरतों और इच्छा को ध्यान में रखकर पोर्टफोलियो में साझेदारी तय की जा रही है।
16 दिसंबर के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार!
महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल का विस्तार और पोर्टफोलियो का आवंटन राज्य विधानसभा के पांच दिन के शीतकालीन सत्र की समाप्ति के बाद होगा। यह सत्र 16 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। महाराष्ट्र में गठबंधन के अलग दलों के पास मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का पद होने की परंपरा रही है।
कांग्रेस से मंत्रिमंडल में इन्हें मौका
ऐसा पता चला है कि कांग्रेस से दो पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक चव्हाण और पृथ्वाराज चव्हाण ने पीडब्ल्यूडी और ऊर्जा मंत्री बनने पर सहमति जताई है। हालांकि, कांग्रेस के बहुत से विधायक मंत्री पद चाहते हैं और उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्रियों के मंत्री बनने की कोशिश पर नाराजगी जताई है। वे पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को इस पर रोक लगाने के लिए आश्वस्त करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन गठबंधन में तीनों दलों के बीच बातचीत में दोनों चव्हाण के नाम पर विचार किया गया है।
इनके कोटे में ये मंत्रालय
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रमुख और मौजूदा मंत्री बालासाहेब थोराट को रेवेन्यू पोर्टफोलियो मिल सकता है। समझौते के अनुसार, शिवसेना को अर्बन लैंड, इंडस्ट्री, एग्रीकल्चर, जनरल एडमिनिस्ट्रेशन, वॉटर रिसोर्सेज, हायर एजुकेशन, ट्रांसपोर्ट जैसे पोर्टफोलियो मिल सकते हैं। एनसीपी के कोटा में होम, फाइनेंस, हाउसिंग, को-ऑपरेटिव, मेडिकल एजुकेशन, रूरल डिवेलपमेंट और लेबर आ सकते हैं।
अजित के उपमुख्यमंत्री बनने पर नहीं बन पाई सहमति
कांग्रेस को रेवेन्यू, पीडब्ल्यूडी, एनर्जी, एक्साइज, प्राइमरी एजुकेशन और विमेन वेलफेयर के पोर्टफोलियो मिल सकते हैं। वहीं, एनसीपी के अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाने पर गठबंधन में सहमति नहीं बनी थी। इस वजह से उन्हें वित्त मंत्री का पद मिलने की संभावना है। एनसीपी के कुछ विधायक भी अजित को उपमुख्यमंत्री बनाने के विरोध में थे।