मेरठ
दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में रविवार को जमकर बवाल हुआ. नागरिकता कानून के विरोध में छात्रों के विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और इस दौरान पुलिस ने भी जमकर लाठीचार्ज किया. यहां तक कि पुलिस जामिया कैंपस के अंदर मौजूद लाइब्रेरी में घुस गई, जहां मौजूद बच्चों में दहशत फैल गई. आरोप ये भी हैं कि यहां पुलिस ने बच्चों के साथ मारपीट भी की. इस पूरे हंगामे के बीच कई बच्चे घंटों तक या तो लाइब्रेरी या आसपास फंसे रहे और उनके परिवारवालों में चिंता में राहत गुजारी. ऐसा ही परिवार मेरठ का है, जिनकी दिव्यांग बेटी लाइब्रेरी गई थी, लेकिन पूरी रात उसका कोई सुराग नहीं मिला.
मेरठ के राधना गांव की रहने वाली विकलांग छात्रा जोहरा परवीन दिल्ली की जामिया यूनिवर्सिटी में मेडिकल साइंस की पढ़ई कर रही हैं. जोहरा जामिया नगर इलाके में ही अपने खालू (मौसा) के घर पर रहती है. जोहरा के पिता खालिद ने आजतक को बताया कि उनकी बेटी जोहरा से रविवार शाम 4.50 बजे फोन पर बात हुई थी. जोहरा ने अपने पिता को बताया था कि वह जामिया कैंपस में पढ़ने आई है, लेकिन शाम को 7 बजे के आसपास जोहरा के खालू का फोन आया और उन्होंने कहा कि जोहरा घर नहीं पहुंची हैं.
फिक्र में गुजरी परिवार की रात
जब दिव्यांग बेटी के घर न पहुंचने की सूचना परिवारवालों को मिली तो उनके होश उड़ गए. पूरा परिवार चिंता में डूब गया. कड़ाके की सर्दी के बीच उनकी दिव्यांग बेटी का रातभर कुछ पता नहीं चला. जोहरा के पिता खालिद का कहना है कि वह दिल्ली भी नहीं जा सकते थे क्योंकि हालत खराब थे, लिहाजा लड़की के खालू ने उसे पूरे कैंपस में ढूंढा, लेकिन उसका कोई पता नहीं लगा.
हिंसा के वक्त बाथरूम में थी जोहरा
जोहरा के पिता ने बताया कि दिल्ली में जिस रिश्तेदार के घर उनकी बेटी रह रही हैं, उनका सोमवार सुबह करीब 11 बजे फोन आया कि बेटी मिल गई है. जोहरा के पिता ने जानकारी दी कि जब ये सब हुआ तब उनकी बेटी जामिया कैंपस में ही पढ़ रही थी और बवाल के बाद एक बाथरूम में रहकर उसने खुद को बचाया.
लाइब्रेरी में हुआ जमकर तांडव
बता दें कि रविवार शाम जब जामिया से कुछ न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में प्रदर्शन के दौरान बस को आग लगाई गई तो वहां हंगामा मच गया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का प्रयोग किया और ऐसा करते-करते पुलिसकर्मी जामिया कैंपस के अंदर तक घुस गए. जामिया की वीसी नजमा अख्तर ने भी मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि पुलिस बिना अनुमति कैंपस में घुसी और बच्चों के साथ स्टाफ व बच्चों के साथ मारपीट की. वीसी के इस आरोप के बाद दिल्ली पुलिस ने भी इस बात को स्वीकार किया कि पुलिस कैंपस में गई थी. दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने बताया कि पुलिस प्रदर्शनकारियों को वापस जामिया की ओर भेज रही थी तो प्रदर्शनकारी और इलाके के लोग कैंपस में घुस गए और पथराव शुरू कर दिया. ऐसे में दिल्ली पुलिस के कुछ लोग कैंपस में घुसे थे.
हालांकि, इस पूरे तांडव के बाद पुलिस ने लाइब्रेरी में मौजूद बच्चों को बाहर निकलने की इजाजत दी. लेकिन कई बच्चे रातभर अपने घर नहीं पहुंच पाए, जिनमें दिव्यांग जोहरा भी शामिल थीं.