मोहम्मदाबाद (फर्रुखाबाद)
बच्चों को सकुशल छुड़ाने के लिए करथिया गांव छावनी देर रात तक छावनी बना रहा। जिले के कई थानों की पुलिस फोर्स के अलावा देर रात आईजी भी पहुंच गए। इससे पहले डीजीपी ओपी सिंह पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार मिश्रा से जानकारी लेते रहे और सावधानी बरतने के निर्देश दिए। दिल्ली से आ रही एनएसजी आगरा पहुंची चुकी थी मगर बंधक बनाए गए बच्चों को मुक्त करा लिए जाने के बाद उसे वापस भेज दिया गया। गांव में आतंक का पर्याय बने सुभाष बॉथम के ढेर किए जाने के बाद लोगों को सुकून हुआ।
बच्चों के बंधक बनाए जाने की खबर पर अमृतपुर, मोहम्मदाबाद सर्किल का पुलिस बल शहर पुलिस के साथ पहुंच गया तो कोई छतों पर अलर्ट रहा। पुलिस स्थिति पर नजर रखे थी। देर रात कानपुर से आईजी मोहित अग्रवाल के पहुंचने के बाद तेजी से कार्रवाई शुरू की गई। रात करीब एक बजे बच्चे मुक्त करा लिए गए। बदमाश के ढेर होने के बाद एटीएस भी पहुंच गई थी।
कथरिया गांव 300 घर, 1200 की आबादी
300 घर और 1200 की आबादी वाले करथिया गांव में हर कोई दहशत में थे। ठंड भरी रात में लोग बच्चों के सुभाष बाथम के चंगुल से छूटने का इंतजार किया। गांव के अधिकतर लोग खेतीबाड़ी से जुड़े हुए हैं। दोपहर बाद जिस तरह से गांव में बच्चों को बंधक बनाया गया उससे ग्रामीण बेचैन थे। ग्रामीणों का कहना है कि वह भी समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर सुभाष ने इस तरह का क्यों कदम उठाया। गांव के लोग पहले से ही उससे कोई वास्ता नहीं रखते थे। अब उसके इस तरह की हरकत क्यों की। गांव वाले उसकी हरकत से परेशान हो गए थे।
समझाने गई महिला भी गोली से घायल
करथिया गांव में जब सुभाष बाथम ने घर के अंदर बच्चों को बंद कर लिया तो ऐसे में पडोस में रहने वाली विनीता जब उसे समझाने के लिए आवाजे लगा रही थी तो इस बीच शातिर की ओर से चलाई गई गोली का छर्रा विनीता के हाथ में आकर लगा। इस पर विनीता को इलाज के लिए ले जाया गया है।