जांजगीर
जांजगीर-चांपा (Janjgir Chamapa) जिले में संचालित केएसके (KSK) महानदी वर्धा पॉवर प्लांट ताला लटका दिया गया है. प्रबंधन ने प्लांट (Plant) के गेट पर लॉक आउट (Lock Out) का बोर्ड लगवा दिया है. इसके चलते प्लांट में काम करने वाले मजदूरों के सामने रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. लॉक आउट के विरोध में प्लांट में काम करने वाले मजदूर व कर्मचरी मंगलवार को सड़कों पर उतरे. प्लांट प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की. ये क्षेत्र का सबसे बड़ा पावर प्लांट था. निर्माण के दस साल के भीतर ही इसमें लॉक आउट बोर्ड लगा दिया गया है.
जांजगीर-चांपा (Janjgir Champa) जिले के अकलतरा (Akaltara) विधानसभा क्षेत्र के अकलतरा-बिलासपुर (Bilaspur) रोड में वर्ष 2009 -10 में केएसके प्लांट (KSK Plant) का निर्माण शुरू हुआ था. इसके लिए अकलतरा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों और किसानों की हजारों एकड़ जमीन प्लांट के लिए यह कहकर अधिग्रहित की थी कि क्षेत्र में प्रदेश का सबसे बड़ा 3600 मेगावाट उत्पादन क्षमता का पॉवर प्लॉट स्थापित हो रहा है. क्षेत्र के बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा और क्षेत्र से बेरोजगारी दूर होगी, लेकिन 17 सितंबर को प्रदेश के सबसे बड़े केएसके महानदी वर्धा पावर लिमिटेड मे तालाबंदी हो गई है. प्लांट प्रबंधन ने लॉक आउट की सूचना चस्पा कर मेन गेट में ताला लगा दिया है.
इस ताले बंदी की वजह से प्लांट मे कार्यरत लगभग 5000 कर्मियों पर बेरोजगारी का खतरा मंडराने लगा है. प्लांट में काम करने वाले मजदूर लॉक आउट के विरोध मे प्रदर्शन कर रहे हैं. इस पांवर प्लाट की उत्पादन क्षमता 3600 मेगावाट की है और आपरेशनल 1800 मेगावाट है. इस संयंत्र में 3500 स्थानीय भू विस्थापितों समेत करीब 5000 लोग कार्यरत हैं. लॉक आउट के मामले मे प्लांट प्रबंधन की ओर से मीडिया के सामने कोई नहीं आ रहा है.
मामले में अकलतरा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा पार्टी के विधायक सौरभ सिंह का कहना है कि तालाबंदी करने के पीछे कोई ठोस मकसद नहीं है, लेबर यूनियन काम करना चाह रहा है. जिला प्रशासन और सरकार की नाकामी है. राज्य सरकार को दबाव बनवाना चाहिए. वहीं जिला प्रशासन की ओर से जांजगीर कलेकटर जनक पाठक का कहना है कि प्लांट प्रबंधन द्वारा लेबर एक्ट के तहत लॉक आउट कराया गया है. उसकी समीक्षा की जा रही है. इस फैसला को शून्य घोषित किया जाएगा. प्लांट में 3 हजार मजदूर काम कर रहे हैं. इसको इस तरह लॉक आउट नहीं कर सकते.