नई दिल्ली
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को मांग की कि केंद्र को अगले साल की शुरुआत में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 से पहले अनाधिकृत कॉलोनियों के सभी निवासियों को आवास रजिस्ट्रीकरण पत्र देना चाहिए।
केजरीवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें पता चला है कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार चुनाव से पहले करीब 100 या 500 लोगों को आवास रजिस्ट्रीकरण पत्र देने की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री ने मांग की कि आवेदन करने के तीन दिन के भीतर इन कॉलोनियों के निवासियों को रजिस्ट्रीकरण पत्र मिलना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मैंने केंद्र सरकार से मांग की है कि वह विधानसभा चुनाव से पहले अनधिकृत कॉलोनी के सभी निवासियों को रजिस्ट्रीकरण पत्र दे।
कच्ची कॉलोनियों में रहनेवाले लोगों को पिछली सरकारों ने विकास से वंचित रखा था। हमने 2015 से 2019 तक ₹8147 करोड़ खर्च कर सड़कें, नालियां बनवाई, सीवर और पानी की लाइनें बिछाई। 2009 से 2014 तक सिर्फ ₹1186 करोड़ का निवेश हुआ। पांच साल में कच्ची कॉलोनियों में अभूतपूर्व विकास हुआ है।
अनाधिकृत कॉलोनियों में 'आप' सरकार के कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुसार, पिछले पांच साल में इन कॉलोनियों में 8,147 करोड़ रुपये के विकास कार्य हुए जबकि पूर्ववर्ती सरकार के शासन के दौरान वहां महज 1,186 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को अनाधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक देने से संबंधित एक विधेयक संसद में पेश किया। संसद में विधेयक पेश किए जाने के समय पर सवाल उठाते हुए केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले पांच साल में अनाधिकृत कॉलोनियों के लिये कुछ नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि 2015 और 2019 के बीच आप सरकार ने 1,281 अनाधिकृत कॉलोनियों में सड़कों एवं नालों के पर 4,312 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।