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चीन के राजदूत का कबूलनामा- गलवान घाटी में चीन के सैनिकों की हुई है मौत

15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे

चीन की चालबाजी से पूरी दुनिया वाकिफ है। सच्चाई को छुपाना चीन की पुरानी आदत रही है। सरकार वहां क्या करती है, वहां के नागरिकों को भी इसकी भनक नहीं होती। 15 जून को गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए। पूरी दुनिया को ये पता है, लेकिन चीन ने अभी तक मौतों के बारे में कुछ नहीं कहा है। 10 दिनों की चुप्पी के बाद पहली बार भारत में चीन के राजदूत सुन वेडोंग ने माना है कि हिंसक झड़प में चीन के सैनिकों की मौत हुई है।

राजदूत ने मानी मौत की बात
एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में वेडोंग ने कहा, ‘दोनों पक्षों के बीच भयंकर शारीरिक संघर्ष हुए और इसमें हमारे सैनिक भी हताहत हुए’। इससे पहले चीन ये नहीं बताता था कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर किस तरफ मौतें हुई हैं। दावा किया जा रहा है कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में चीन के 45 से ज्यादा सैनिकों की मौत हुई। लेकिन चीन की तरफ से अभी तक इसको लेकर कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है।

चीन छुपाता है आंकड़ा
चीन कभी किसी भी युद्ध में मारे गए सैनिकों की संख्या के बारे में नहीं बताता है। 1962 के युद्ध में कितने लोगों की मौत हुई थी, इसकी जानकारी चीन ने 1990 के बाद दी थी। कहा जा रहा है कि इस बार चीन के नागरिक मारे गए सैनिकों को सम्मान न देने से बेहद नाराज हैं।

सरकारी अखबार ने दी थी श्रद्धांजलि
इससे पहले पिछले दिनों चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू जीजीन ने पीएलए अधिकारियों और सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए लिखा था, ‘मेरा मानना है कि मृतकों का सेना में सर्वोच्च सम्मान के साथ व्यवहार किया गया है। और सही समय पर इसकी सूचना समाज को दी जाएगी, ताकि नायकों को सम्मानित किया जा सके। साथ ही उन्हें याद किया जा सके।

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