नई दिल्ली
स्मार्टफोन और इंटरनेट दोनों आपस में जुड़े हुए हैं और स्मार्टफोन इंप्रूवमेंट्स के साथ-साथ नेक्स्ट जेनरेशन इंटरनेट टेक्नॉलजी भी डिवेलप हो रही है। दुनियाभर में जहां अभी 5G कनेक्टिविटी की टेस्टिंग चल रही है और कई देश इससे अछूते हैं, चीन एक कदम आगे बढ़कर 6G नेटवर्क की टेस्टिंग कर रहा है। चीन की साइंस और टेक्नॉलजी मिनिस्ट्री ने 'फ्यूचर नेटवर्क डिवेलपमेंट' के लिए योजना बनाकर काम शुरू कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन ने 6G कनेक्टिविटी से जुड़ी रिसर्च के लिए दो वर्किंग ग्रुप्स बनाए हैं। इसमें से एक ग्रुप में सेक्टर मिनिस्ट्रीज से जुड़े लोग शामिल हैं। वहीं, दूसरे ग्रुप में अलग-अलग यूनिवर्सिटीज, रिसर्च इंस्टीट्यूट्स और टेक्नॉलजी कंपनियों से जुड़े रिसर्चर्स और एक्सपर्ट्स होंगे। रिपोर्ट में कहा गया है कि 6G कनेक्टिविटी से जुड़ा ढांचा तैयार हो चुका है। वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स की मानें तो 6G कनेक्टिविटी से यूजर्स को 1Tbps तक स्पीड मिलेगी, जो 5G के मुकाबले 8000 गुना ज्यादा तेज है।
बेहतरीन होंगे नतीजे
थ्योरी पर यकीन करें तो 6G नेटवर्क्स से 1TB/सेकेंड या 1,000 GB एक सेकेंड में डाउनलोड किया जा सकेगा। ऐसी स्पीड से टेक्नॉलजी पूरी तरह बदल जाएगी। रेग्युलर यूज की बात करें तो डाउनलोड्स के अलावा लाइव स्ट्रीमिंग और हाई-क्वॉलिटी कंटेंट कंजम्पशन तेजी से बढ़ेगा और आसान होगा। हालांकि, इससे पहले कई चुनौतियों से गुजरना पड़ सकता है और आने वाले कुछ साल बाद ही यह टेक स्मार्टफोन्स के लिए जगह बना पाएगा।
भारत 5G से भी दूर
भारत अभी भी 5G की कमर्शियल लॉन्चिंग से काफी दूर है। देश में अभी तक 5G ट्रायल शुरू नहीं हुआ है और न ही अभी तक इसके लिए स्पेक्ट्रम की बिक्री हुई है। स्वीडन की इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनी एरिक्सन ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत में 5G सर्विसेज 2022 से शुरू होंगी। जबकि इससे पहले उसने इनके 2020 में शुरू होने का अनुमान दिया था। टेलीकॉम कंपनियों का संगठन COAI अगले पांच सालों तक 5G की कमर्शियल लॉन्चिंग नहीं चाहता है।