लखनऊ
बदनाम करने की धमकी देकर पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद (Chinmyanand) से 5 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने (Blackmailing Case) के मामले में आरोपी रेप पीड़िता के खिलाफ लखनऊ (Lucknow) की एमपी-एमएलए कोर्ट (MP-MLA Court) के स्पेशल जज पवन कुमार राय ने गिरफ्तारी वारंट (Arrest Warrant) जारी किया है. कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 4 मार्च की तारीख तय करते हुए आरोपी के जमानतदारों को भी नोटिस भेजा है.
इससे पहले कोर्ट में इस मामले के आरोपी संजय सिंह, डीपी सिंह, विक्रम सिंह और सचिन हाजिर हुए, जबकि अजीत सिंह की ओर से हाजिरी माफी की अर्जी दी गई. इस मामले की आरोपी और रेप मामले की पीड़िता न तो कोर्ट में हाजिर हुई और न ही उसकी तरफ से हाजिरी माफ करने की अर्जी ही दी गई. इस पर कोर्ट ने आरोपी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और जमानतदारों के खिलाफ नोटिस जारी करने का आदेश देते हुए कहा कि इस मामले में कोर्ट ने 6 नवम्बर 2019 को संज्ञान लिया था. लेकिन आरोपियों की गैरहाजिरी के चलते अभी तक आरोपियों पर आरोप तय नहीं किये जा सके हैं. जबकि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि ऐसे मामलों का निस्तारण तेजी से किया जाए.
पत्रवली के अनुसार वादी ओम सिंह ने 25 अगस्त 2019 को शाहजहांपुर कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह मुमुक्षु आश्रम का विधिक कार्य करते हैं और उनके मोबाइल पर किसी अज्ञात व्यक्ति ने 5 करोड़ की मांग करते हुए धमकी दी कि यदि रक़म का इंतजाम नहीं हुआ तो समाज में चिन्मयानंद और आश्रम को बदनाम कर देंगे. साथ ही वीडियो को वायरल कर देंगे जिससे छवि खराब होगी. पुलिस ने मामले की विवेचना के बाद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. वहीं हाइकोर्ट ने मामले की सुनवाई को शाहजहांपुर से लखनऊ ट्रांसफर किया था.