नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने उत्पीड़न की शिकार एलएलएम की छात्रा और उसके भाई का स्थानांतरण बरेली विश्वविद्यालय से एफिलिएटेड अन्य कॉलेजों में करने की अनुमति दे दी है। शीर्ष अदालत ने बीसीआई से अनुरोध किया कि संबंधित कॉलेजों में सीटें बढ़ाई जाएं ताकि छात्रा को एलएलएम कोर्स में और उसके भाई को एलएलबी कोर्स में जगह मिल जाए।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने शाहजहांपुर की छात्रा और उसके भाई का स्थानांतरण छात्रावास सुविधा वाले दूसरे कॉलेजों में करने के लिए सभी बंदोबस्त कर लिये हैं ।
उच्चतम न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए दाखिल याचिका का निस्तारण किया और कहा कि छात्रा तथा उसके माता-पिता को दिल्ली पुलिस के साथ घर जाने की आजादी है।
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय गृहराज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर उनके ही कॉलेज में पढ़ने वाली एक लॉ स्टूडेंट ने उत्पीड़न का आरोप लगाया है। चिन्मयानंद पर आरोप लगाने वाली शाहजहांपुर के एसएस लॉ कॉलेज की लापता छात्रा राजस्थान से 7 दिन बाद मिली थी। लड़की अपने दोस्त संजय सिंह के साथ थी।
24 अगस्त को एसएस लॉ कालेज की एक छात्रा ने फेसबुक पर वीडियो अपलोड कर संत और नेता पर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद छात्रा के पिता ने स्वामी चिन्मयानंद पर छात्रा के अपहरण और धमकी देने का मुकदमा शाहजहांपुर की चौक कोतवाली में दर्र्ज कराया था। इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लिया था। इसके बाद 26 अगस्त को छात्रा को पुलिस ने बरामद कर निर्देशानुसार सुप्रीम कोर्ट में पेश किया था। इसके बाद सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश सरकार पूरे मामले की एसआईटी गठित कर जांच कराए। मंगलवार को सरकार ने एसआईटी का गठन कर दिया। इसके बाद बुधवार को एसआईटी को हाईकोर्ट में प्रकरण की स्टेटस रिपोर्ट जमा करनी है। उधर, स्वामी पर आरोप लगाने वाली छात्रा अभी 12 सितंबर तक दिल्ली में ही रहेगी। उसके माता-पिता और भाई-बहन भी दिल्ली में ही हैं।