शाहजहांपुर
दिवाली की छुटि्टयां बीतने के बाद चिन्मयानंद केस में एसआईटी फिर से अपने फार्म में आ गई है। चिन्मयानंद मामले में सबूतों की खोज के लिए कॉलेज के बाहर स्थित नाले को एसआईटी ने खुदवा डाला। एसआईटी ने शनिवार को नाले का पानी ट्यूबवेल से बाहर निकलवाया। एसआईटी ने नाले से पर्स, कुछ फाइलें, छात्रा का परिचय पत्र इत्यादी बरामद किया। दरअसलख, एसआईटी नाले में उस कैमरे वाले चश्में को खोजने के लिए उतरी थी जिससे चिन्मयानंद का स्टिंग वीडियो बनाया गया था। छात्रा ने उस चश्में को नाले में ही फेंका था। इससे पहले शुक्रवार को एसआईटी ने दोनों पक्षों के लोगों को पुलिस लाइंस स्थित अपने अस्थाई कार्यालय में बुलाया। बताया जाता है कि सुबह से लेकर शाम तक तो केवल एलएमएम छात्रा के पिता और मां से ही पूछताछ होती रही।
इस दौरान उनका मोबाइल बंद रहा। परिवार वालों को लगा कि कहीं दोनों गिरफ्तार तो नहीं कर लिए गए, लेकिन पूछताछ के बाद छात्रा के पिता और मां अपने घर पहुंच गए। दूसरी ओर एसआईटी ने एसएस लॉ कॉलेज के सचिव व एसएस कॉलेज के प्राचार्य डा. अवनीश मिश्रा, एसएस लॉ कॉलेज के प्राचार्य संजय कुमार बरनवाल समेत कई लोगों को भी पूछताछ के लिए अपने ऑफिस बुलाया। जब छात्रा के मां और पिता से पूछताछ हो गई, उसके बाद कॉलेज से जुड़े लोगों को एक-एक कर सवालों के जवाब देने के लिए बुलाया गया। पूछताछ का सिलसिल शुक्रवार देर शाम तक जारी रहा।
छात्रा ने नाले में फेंका था कैमरे वाला चश्मा
बता दें कि एसआईटी अब दोनों की फाइनल विवेचना की ओर बढ़ रही है। इस केस में अभी कई ऐसे राज हैं, जिनका खुलासा नहीं हो सका है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण तो वह कैमरे वाला चश्मा है, जो अब तक एसआईटी को नहीं मिला है। यह चश्मा छात्रा के पास है या उसने उसे नष्ट कर दिया गया इसका पता लगना बाकी है। पर छात्रा का कहना है कि चश्मा उसके हॉस्टल के रूम में था, जिसे गायब कर दिया गया। कानून के जानकारों का कहना है कि अगर चश्मा गायब करके आरोपी पक्ष को तो कोई फायदा नहीं है, चश्मा गायब करके छात्रा को जरूर फायदा हो सकता है, क्योंकि वह चश्मा छात्रा के खिलाफ खुद एक बड़ा सबूत है। हालांकि छात्रा ने कैमरे वाले चश्मे का इस्तेमाल कर चिन्मयानंद के खिलाफ सबूत बनाए थे। चश्मे को लेकर ही कालेज प्रबंधन के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।
एसआईटी को भी 7 नवंबर तक देना है जवाब
चिन्मयानंद की हाईकोर्ट में जमानत के लिए जब बहस हुई, तब कोर्ट ने एसआईटी से कहा कि अगर आपको जमानत के संबंध में कुछ कहना है, कोई और सबूत पेश करने हैं तो सात नवंबर तक कोर्ट से अपनी बात कहें, क्योंकि आठ नवंबर को जमानत पर फाइनल बहस होनी है। इस दौरान कोर्ट ने एसआईटी से यह भी कहा था कि वह छात्रा के 164 के बयानों की कॉपी भी जमा करें।बता दें कि छात्रा की जमानत पर छह नवंबर को हाईकोर्ट में बहस होनी है, जिसमें चिन्मयानंद के वकील जमानत का विरोध करने के लिए बड़ी तैयारी किए हुए हैं। चिन्मयानंद की जमानत पर बहस आठ नवंबर को हाईकोर्ट में होनी है, जिस पर छात्रा के वकीलों से कुछ सवालों के जवाब दाखिल करने को कहा गया है। साथ ही शासकीय अधिवक्ता को भी बड़ी तैयारी करनी पड़ेगी। तीस अक्टूबर को हुई चिन्मयानंद की जमानत पर बहस के दौरान उनके वकील दिलीप गुप्ता ने जोरदार तर्क रखे थे। उन्होंने कहा था कि चिन्मयानंद आरोपी नहीं हैं, वह तो पीड़ित हैं।