भोपाल
प्रदेश की आमजनता की गाढ़ी खून-पसीने की कमाई को हजम करने वाली चिट-फंड कंपनियों के फर्जीवाड़े पर अब संभागायुक्त लगाम लगाएंगे। वित्त विभाग ने इसके लिए सभी कमिश्नरों को पॉवर दिए है।
केन्द्र सरकार ने जुलाई में चिटफंड कंपनियों और अवैधानिक जमा योजनाओं में आम लोगों से राशि जमा कराने और उसे लेकर भाग जाने वाली कंपनियों पर लगाम लगाने के लिए एक एक्ट लागू किया है। इसे मध्यप्रदेश में भी क्रियान्वित किया जा रहा है। द बैनिंग आॅफ अनरेगुलेटेड डिपाजिट स्कीम्स एक्ट 2019 के तहत अब सभी संभागायुक्तों को उनके क्षेत्राधिकार में इस अधिनियम के प्रयोजनों के तहत कार्यवाही करने के लिए सक्षम अधिकारी बनाया है। सभी संभागायुक्तों की इस काम में मदद करने के लिए सभी जिलों के अपर कलेक्टरों को अपने क्षेत्राधिकार के भीतर इस अधिनियम के प्रयोजनों के लिए पावर दिए गए है। चिटफंड कंपनियों के गड़बड़झाले के जो राज्य स्तरीय मामले होंगे उनकी सुनवाई राज्य के गृह सचिव करेंगे। इस तरह अब चिटफंड कंंपनियों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा आमजनता की जमा राशि को जमा करने, उसे कई गुना बढ़ाने का लालच देकर राशि जमा कराने और धीरे से इस राशि को लेकर भाग जाने के मामलों पर लगाम लग सकेगी।