नई दिल्ली
ट्रैफिक के नए नियम लागू होने के बाद दिल्ली में बाकी महीनों के मुकाबले सितंबर में कई गुना ज्यादा पलूशन सर्टिफिकेट (पीयूसी) जारी किए गए हैं। जुर्माने की राशि में बढ़ोतरी का असर है कि बड़ी संख्या में लोग डॉक्युमेंट्स बनवा रहे हैं। 1 से 29 सितंबर के बीच 14 लाख से ज्यादा पीयूसी जारी किए जा चुके हैं। 30 सितंबर तक यह आंकड़ा 15 लाख तक पहुंच सकता है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सितंबर से पहले हर महीने 4 से 4.5 लाख पलूशन सर्टिफिकेट ही जारी किए जाते थे। अगस्त में भी साढ़े चार लाख पीयूसी बने थे। सितंबर में ऐसी लाखों गाड़ियों की पहचान और जांच हुई, जिनका पीयूसी कई साल से जारी नहीं किया गया था। अब गाड़ी की जांच करवाने के लिए आने वाले हर ड्राइवर का मोबाइल नंबर लिया जा रहा है ताकि पीयूसी की तारीख खत्म होने से पहले उसे मेसेज भेजा जा सके।
25 प्रतिशत गाड़ियों की ही हो रही थी प्रदूषण जांच
ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने आकलन किया है कि 1 सितंबर से पहले दिल्ली में रजिस्टर्ड गाड़ियों में से 20 से 25 पर्सेंट की ही नियमित प्रदूषण जांच करवाई जाती थी। अब यह नंबर तेजी से बढ़ रहा है। डिपार्टमेंट की रिपोर्ट के मुताबिक, 1 सितंबर को 20,647 पीयूसी बने, उसके बाद से लगातार यह नंबर बढ़ता गया। 2 सितंबर को 30,964, 4 सितंबर को 44,715, उसके बाद 45,497 से 55,253 तक पीयूसी रोज बने। 12 सितंबर को एक दिन में सबसे ज्यादा 66,383 पीयूसी जारी किए गए। उसके बाद इसमें कुछ कमी दर्ज की गई। 20 सितंबर के बाद यह नंबर 50 हजार से कम हो गया। अधिकारियों का कहना है कि अब लाइनें कम हो रही हैं और सर्वर कैपिसिटी भी बढ़ा दी गई है। इसका फायदा लोगों को मिलने लगा है।
पेट्रोल गाड़ियों को सबसे ज्यादा पीयूसी हुए जारी
अभी तक पेट्रोल की 11,53146 गाड़ियों को पीयूसी जारी किए गए हैं। 80,654 डीजल गाड़ियों की जांच हुई और पीयूसी जारी किए गए। सीएनजी की 1,38299 गाड़ियों के सर्टिफिकेट बन चुके हैं। एलपीजी और दूसरी तरह की गाड़ियों की भी जांच हुई है। डीटीसी के 42 बस डिपो और टर्मिनलों पर प्राइवेट गाड़ियां ज्यादा संख्या में नहीं आ रही हैं। डीटीसी केंद्रों पर पहले 800 से 1000 हजार तक सर्टिफिकेट जारी हो रहे थे, अब यह नंबर 500 से भी कम रह गया है। ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने पीयूसी सेंटर्स की संख्या बढ़ाने के लिए आवेदन भी मांगे हैं।