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चार साल पहले तक भीख मांगती थी चांदनी, अब बनी मुख्य अतिथि

देहरादून
चार साल पहले तक देहरादून के दर्शन लाल चौक पर भीख मांगने वाली चांदनी के लिए राष्ट्रीय बालिका दिवस खास बन गया। बतौर मुख्य अतिथि, मंच से जब उसने अपने बीते दिनों को बयां कर भविष्य के सपने साझा किए तो वहां मौजूद लोगों ने नम आंखों से उसकी जीवटता को सराहा। जीजीआईसी, राजपुर रोड में दसवीं की छात्रा चांदनी के लिए यह खास मौका लेकर आया बाल आयोग। आयोग ने शुक्रवार को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर आयोजित समारोह में उसे मुख्य अतिथि बनाया। 

लगने लगा था, यही मेरी दुनिया है
चांदनी ने समारोह में अपने बीते दिनों का बयां करते हुए कहा कि, दर्शनलाल चौक पर मैंने करीब आठ साल तक भीख मांगी। हाथ और पैर से दिव्यांग होने के कारण लोग पैसे दे देते थे। मुझे लगने लगा था कि यही मेरी दुनिया है। लेकिन मेरा समय बदला। आज मैं दर्शनलाल चौक पर नहीं, जीजीआईसी में हूं। मैं टीचर बनकर अपने जैसे हजारों बच्चों को भिक्षावृत्ति से निकालकर उनके सपनों को साकार करना चाहती हूं। वह बोलीं, कमजोर, लाचार, चांदनी से सशक्त, सक्षम चांदनी के रूप में इस तरह मुख्य अतिथि बनने के बारे में उसने सपने में भी नहीं सोचा था।

एक महीने में ही पढ़ना सीख गई थी: उषा
बाल आयोग अध्यक्ष उषा नेगी ने चांदनी की जीवटता की प्रशंसा करते हुए बताया कि, चार साल पहले आश्रय संस्था ने उसे दर्शनलाल चौक से रेस्क्यू किया था। वह एक महीने में ही पढ़ना सीख गई थी। इसके बाद ओपन बोर्ड से उसे आठवीं कराकर जीजीआईसी, राजपुर में प्रवेश दिलाया गया। राजपुर रोड स्थित राजकीय छात्रावास में शिक्षिका संगीता और प्रिंसिपल हुकुम सिंह उनियाल की कड़ी मेहनत के दम पर चांदनी अब दसवीं की छात्रा है। कार्यक्रम का शुभारंभ बाल आयोग अध्यक्ष उषा नेगी, पुलिस मुख्यालय एडिशनल एसपी क्राइम ममता बोरा, अनुसचिव रोशनी सती और चांदनी ने दीप जलाकर किया।

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